UP NEWS: 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देते हुए बधाई दी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने कहा कि हिंदी और उर्दू भाषाओं के बीच एक क्रांति का दौर रहा है और अब हमें हिंदी के साथ-साथ अन्य भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए।
अखिलेश यादव का बयान
अखिलेश यादव ने हिंदी भाषा के महत्व को मान्यता देते हुए कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हिंदी और उर्दू के बीच एक महत्वपूर्ण क्रांति हुई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमें हिंदी भाषा का सम्मान करना चाहिए और साथ ही अन्य भाषाओं की भी कद्र करनी चाहिए।
बसपा से गठबंधन टूटने पर अखिलेश की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव ने बसपा के साथ गठबंधन के टूटने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राजनीति में सिद्धांतों और विचारों के प्रति त्याग करना पड़ता है, और उन्होंने इस संदर्भ में कर्ण के त्याग का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि कुछ परिस्थितियों के कारण गठबंधन सफल नहीं हो सका। जब गठबंधन टूटने का एलान हुआ, तो एक बीएसपी नेता ने बताया कि उन्हें भी धोखा मिला था, जैसे अखिलेश यादव को मिला है।
मायावती ने कहा कि 2019 में लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनका फोन उठाना बंद कर दिया था. आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें यूपी की 80 सीटों में से सपा ने 37 तो बसपा ने 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. इसके अलावा तीन सीटों पर जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी ने चुनाव लड़ा था. जबकि अमेठी और रायबरेली सीट को कांग्रेस के लिए छोड़ा गया था. इसके बाद सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिली थी, जबकि बसपा 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
मंगेश यादव एनकाउंटर पर टिप्पणी…
अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूरा पुलिस विभाग साजिश और झूठी कहानियां गढ़ने में व्यस्त है।