धर्म-कर्म: नशे के दुष्परिणामों के प्रति चेताने वाले, शाकाहार नशामुक्ति की अलख जगाने वाले, इस समय के पूरे समरथ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि, जब मन लगेगा, सुनने की इच्छा करेगा तब वह आवाज सुनाई पड़ेगी, जिसके लिए फकीरों ने कहा- कुदरती काबे के मेहताब, आ रही धुन तुझको बुलाने के लिए। कुदरती काबा का जो धुरी मेहताब है वहां से आवाज आ रही बुलाने के लिए। किसको बुलाने के लिए? इस जीवात्मा को। कि उसे पकड़ो और अपने देश चलो। यहां कब तक पड़े रहोगे, दु:ख झेलते रहोगे, जन्मते-मरते रहोगे, रोज जियोगे-मारोगे, चौरासी में चक्कर काटोगे, इसलिए इस आवाज को पकड़ो और चलो अपने देश, अपने घर। लेकिन जिसके लिए आवाज आ रही है, उसके अंदर चेतनता ही नहीं है। जैसे कोई बेहोश बच्चा या आदमी हो, उसे कितनी भी आवाज देते रहो, नहीं सुन पाता। ऐसे ही जीवात्मा बेहोश हो गयी। शराबी नशे में बेहोश हो जाता है, पड़ा रहता है। उसे कोई भान-ज्ञान नहीं, कोई मोबाइल रुपया, गहना जेवर अंगूठी चेन निकाल ले जाए कुछ पता नहीं चलता है। सोचो आप! जिस देश की औरतें, जिनको देवी कहा गया, वह शराब पीने लग जाए, उस देश का क्या हाल होगा।
विदेशी लोग भारत में आकर गली-गली सुख-शांति, राम-कृष्ण को खोजते हैं
देखो, विदेश में सब कुछ होते हुए भी, खाने-पहनने की कोई दिक्कत नहीं फिर भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं अशांति में। भारत जैसे देश में आते हैं, गली-गली में शांति खोजते हैं, कृष्ण, राम, विवेकानंद को खोजते हैं।
नशा बेहोश करता है
अगर कोई शराबी औरत ने हीरे की अंगूठी पहन लिया, शराब की नशे में कहीं गिर गई, पड़ी हुई है और कोई हीरे की अंगूठी को ले गया तो पता चलेगा? नहीं पता चलेगा। नशा बेहोश करता है इसलिए मना किया जाता है कि ऐसे नशे का सेवन मत करो की जिससे होश में न रह जाओ, सब कुछ खो बैठो। जो बेहोश रहता है, उसके पास कुछ नहीं रहता है। उस समय बिल्कुल खाली रहता है। कितना भी लखपति करोड़पति हो, महल में रहने वाला, ऊंची कुर्सी वाला हो लेकिन शराब या तेज नशे का सेवन जब कर लेगा उसकी संपत्ति उतने समय के लिए रहेगी। उस समय कागज पर कोई दस्तखत करा सकता है, किसी भी देश के अधिकारी, राजनेता, मंत्री मिनिस्टर प्रधानमंत्री हो किसी भी देश के, कुछ नहीं कर सकते। इसलिए कहा जाता है- हाथ जोड़कर विनय हमारी। तजो नशा बनो शाकाहारी।। छोड़ो पर व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी। सतयुग लाने की करो तैयारी।।