धर्म कर्म: त्योंहार से पूरा फायदा प्राप्त करने का तरीका बताने वाले, चेतन जीवात्मा से चेतन परमात्मा के दर्शन जीते जी करवाने वाले, पांच नाम का नामदान देने के एकमात्र लाइसेंस होल्डर, इस समय के पूर्ण समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि जो नाम आपको बताया गया, उसको जब करोगे, जब ध्यान लगाओगे, 24 घंटे होने वाली उनकी आवाज को सुनने की कोशिश करोगे तब अपने निज घर जाने का रास्ता मिल जाएगा। जिन देवी-देवताओं को इधर-उधर पेड़-पौधों-पत्थरों में खोजते हो, वह अंदर में दिखाई पड़ेंगे।

भाव भक्ति फल मिलता है बाकी कोई फल नहीं मिलता

नवरात्रि आ रही है। बहुत से लोग पूजा-पाठ करते हैं। वह जिस भाव-भक्ति से भगवान को याद करते हैं, उसी का फल मिलता है, बाकी और कोई फल नहीं मिलता। अगर फल मिलने को होता तो देखो, कितना लोग पूजा-पाठ, जप-तप यज्ञ-अनुष्ठान आदि कर रहे हैं लेकिन तकलीफ नहीं जा रही। मान लो रोग में भी थोड़ा बहुत फायदा हो गया हो, थोडा धन-दौलत भी मिल गया, लेकिन मानसिक शांति कहीं नहीं मिल रही है, टेंशन में पागल जैसे घूम रहे, सोच नहीं पा रहे हैं कि क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए, परेशान हैं। तो इस तरह (करने से) देवता दिखाई नहीं पड़ते हैं। जब देवता, देव लोकों के मालिक दिखाई पड़ेंगे, जब उनसे अपनी फरियाद करोगे, वो सुनेंगे तब तो आपको कुछ देंगे, कुछ मदद करेंगे तब आपका फायदा होगा।

जड़ से कोई चीज मिलने वाली नहीं

आप केवल ऐसे कहते चले जाते हो कि धन दे दो, रोग ठीक कर दो, हमारा बच्चा पढ़ लिख करके नौकरी पा जाए आदि। अरे! कोई आदमी जानवर जो दिखाई पड़ता है, चलता है, उसे कुछ कहो, वो सुने, बुलाओगे तो देख करके आपकी तरफ आये, क्योंकि आपने उसको देखा। लेकिन जिसको देखोगे नहीं, वह आपके पास कैसे आएंगे? कैसे मिलोगे? कैसे पूछोगे? वो कैसे बताएगा? मिट्टी-पत्थर, पेड़ को कहो मेरे पास आजा तो नहीं आएगा। देखो! जड़ से कोई चीज मिलने वाली नहीं है। मिलेगा तो चेतन से मिलेगा। चेतन को ही वह प्रभु मिलेगा। जो एक जगह से दूसरी जगह आ-जा सकता है, उसको चेतन कहते हैं। जानवर, मनुष्य चेतन है। पशु-पक्षी भी समझते हैं लेकिन भगवान के पाने का रास्ता इनके अंदर नहीं है। देवी-देवता भी अपने पिता के लोकों में नहीं जा सकते, उन्हें नहीं देख सकते लेकिन मनुष्य जा सकता, देख सकता है। इसलिए महात्माओं ने बताया है कि यह देव दुर्लभ शरीर है। देवता इस (मनुष्य शरीर) को पाने के लिए 24 घंटा तरसते, मांगते रहते हैं।

कलयुग में मुक्ति मोक्ष पाने का सबसे सीधा सरल रास्ता है- नामदान

सबसे उत्तम, सर्वश्रेष्ठ यह मनुष्य का शरीर है। इस समय पर जो आपको मुक्ति-मोक्ष पाने, भगवान की प्राप्ति, देवी-देवताओं के दर्शन के लिए बताया गया है, चाहे गुरु महाराज ने बताया या उनके जाने के बाद आपको बताया गया, यही इस कलयुग में सबसे सीधा सरल रास्ता है।

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