धर्म कर्म: बिगडती युवा पीढ़ी को बचाने, सबकी बीमारी-तकलीफों-टेंशन में आराम दिलाने के लिए जयगुरुदेव नाम ध्वनि में शक्ति भर देने वाले, इस समय के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 18 सितम्बर 2024 दोपहर में सूरत, गुजरात में अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि यह अक्सर सुनने को मिलता है, कि बच्चा बिगड़ रहा है, सुनता ही नहीं, कुछ करता ही नहीं, बच्चों को हम क्या बतावें, बहुत परेशान हैं। कारण क्या है? बच्चों के ऊपर आपने संस्कार नहीं डाला, साफ बात यह है। कोई ध्यान देते हो? बच्चे की पढ़ाई-लिखाई, दुकान-दफ्तर, बिजनेस-व्यापार, खेती-आमदनी की बात तो पूछ लेते हो लेकिन भजन भाव भक्ति की बात नहीं करते हो। इसका असर छोटे बच्चों के ऊपर भी पड़ता है। वही नकल वह भी करते हैं।

बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन करने का तरीका नाम नाम ध्वनि

अभी से छोटे-छोटे बच्चों की आदतें खराब होती चली जा रही। नशाखोरी इतनी बढ़ रही है, कल मैंने देखा 7-8 साल के दो बच्चे बैठे धुआं उड़ा रहे थे, सिगरेट पी रहे थे। देखने में तो तंबाकू जैसा था लेकिन उसके अंदर गांजा या तेज नशे वाली चीज हो। अगर इस तरह से नशे की आदत बढ़ी, आपने अपने बच्चों का ध्यान नहीं रखा, तो ऐसा जमाना आ गया कि किसी को अच्छा (आचरण करने को) कहे तो (उसे) खराब लगता है। देखो, छोटे-छोटे बच्चे, मास्टर को चाकू, गोली मार दे रहे हैं, बिगड़ रहे, जान का ख़तरा। आप अपने बच्चों को समझा सकते हो।

जयगुरुदेव नाम की शक्ति: बच्चों के लिए वरदान

बावल आश्रम मंदिर चले जाना, सेवा भी लोग करते हैं वहां। मिठाई आदि के लालच में बच्चे अपने आप जोर से नाम ध्वनि बोलने लगते हैं। बच्चों को जयगुरुदेव नाम की नाम ध्वनि बुलवाओ। जब जयगुरुदेव नाम रट जाएगा तो कहीं भी मुसीबत में मुंह से निकल गया तो जो आपको चिंता बनी रहती है कि बच्चा पढ़ने के लिए जा रहा है, ठीक-ठाक वापस आएगा या नहीं आएगा, चिंता-फ़िक्र बनी रहती है, आज के युग में कौन शराब पीकर के बाइक चढ़ा-गाड़ी चढ़ा दे, क्या कर दे, उस समय गुरु महाराज की दया से प्रेमियो! बच्चे और बच्चियों, अगर मुंह से जयगुरुदेव नाम निकल गया तो बचत हो जाएगी, इसलिए आदत डालो।

“जयगुरुदेव नाम ध्वनि: लोगों के लिए सुरक्षा कवच”

जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलने बुलवाने के लिए जगह-जगह कार्यक्रम बना लो। कभी उनके यहां, कभी इनके यहां, कभी इस गांव में, कभी उस गांव में, कभी इस अपार्टमेंट में कभी उधर। इस तरह से आप बना सकते हो तो लोग बोलने लग जाएंगे। यह जो बीमारियां नहीं छोड़ रही हैं, घर से नहीं निकल रही हैं, बच्चे लड़ाई-झगड़ा कुछ-कुछ करते रहते हैं, रुपया-पैसा में बरकत नहीं होती है, नाम ध्वनि बोलने से फर्क पड़ेगा। बराबर याद कर लो, बोलना और बुलवाना।

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