धर्म-कर्म: इस वक़्त के पूरे समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि, छोटे बच्चों को जानकारी नहीं रहती है। जो उनके मन में आता है वही खाने, वही काम करने लगते हैं। लेकिन आपकी देख-रेख में जब बच्चे पलते हैं, बच्चों को अपने घर में जब रखते हो, बच्चों से उम्मीद करते हो कि यह हमारे कुल खानदान के दीपक बनेंगे, नाम कमाएंगे, देश-समाज की सेवा करेंगे, अच्छे ओहदे पर जाएंगे, बुढ़ापे में हमको खिलाएंगे तो उसी हिसाब से इन बच्चों की परवरिश सबको करना चाहिए। आप बच्चों को कोई गलत काम नहीं करने देते हो, बार-बार मांगने पर भी गलत चीज नहीं खाने देते हो, रोकते हो ताकि तंदुरुस्त रहें, ऐसे ही जयगुरुदेव नाम उनका गार्जियन बन जाएगा जब जयगुरुदेव नाम उनको याद हो जाएगा तब। लेकिन अभी आप कहोगे तो बच्चे याद नहीं करेंगे।
बच्चों का भविष्य सुरक्षित करना होगा:-
आजकल तो आप ही लोग जयगुरुदेव बोलने में शर्माते हो कि लोग कहेंगे, छोटे लोग, गरीब मजदूर लोग हैं और हम बड़े आदमी हैं, हम जयगुरुदेव कैसे बोले? बड़े आदमी बनने के चक्कर में आप बोलते नहीं हो। जिस बच्चे को कहते हो कि अच्छे बच्चे के साथ रहेगा तो तरक्की कर जाएगा, तौर-तरीका, पढ़ाई-लिखाई सीख जाएगा लेकिन बच्चा उनकी बुराइयों को जल्दी सीख जाता है। कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो ईनाम के लालच में पढ़ना शुरू कर देते हैं।
नशे से बच्चे अंदर ही अंदर खोखले हो गए:-
जैसे बच्चों से, घर के लोगों से कहो जयगुरुदेव नाम ध्वनि बोलो तो नहीं बोलेंगे। हमको आपके घर की बात मालूम है। कारण क्या है? आप लोग खुद नहीं बोलते हो, ध्यान भजन खुद नहीं करोगे तो परिवार वाले, बच्चे क्या करेंगे? तरीका यह भी है कि जैसे चार बच्चे हैं, उनको बैठा दिया, कुछ मीठा चीज, फल, मिठाई आदि कुछ मीठी चीज रख दिया जाए और उनसे कहो कि 15 मिनट जयगुरुदेव बोलोगे तब तुमको मिठाई खाने को मिलेगी। दो-चार दिन तक बुलवाओगे, उसके बाद वह अपने आप खाने के चक्कर में बैठने लग जाएंगे। छुनमुन करते रहो, नाश्ता खुशबू नाक में आती रहे, लेकिन कह दो कि नाश्ता तो तभी बटेगा जब जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलोगे तो खाने के चक्कर में बोलेंगे ही बोलेंगे। यह सब तरीका है। किसी भी तरीके से जीवों को पार कराना है, बच्चों को बुराइयों से बचाना है। क्योंकि बुराई की नकल ज्यादा हो रही है। बच्चों की सारी ताकत नशे में खत्म हो गई, अंदर ही अंदर खोखले हो गए। शराब गांजा भांग अफीम ड्रग्स ने जवानी को बर्बाद कर दिया।
बच्चों पर ध्यान नहीं दिया तो एक दिन सारी मेहनत की कमाई होगी बर्बाद:-
आप तो कहोगे मेरा लड़का पढ़ लिख करके एडवांस हो गया, इसके लिए पढ़ी-लिखी बहू मिल जाएगी, ये उम्मीद रखते हो लेकिन बच्चे बिगड़ते चले जा रहे हैं। सोचो आपकी मेहनत की कमाई बेकार होगी या नहीं? एक ही दिन अगर जुआ खेलने बैठ गए तो पूरी जिंदगी की कमाई उड़ा देंगे, सब हार जाएंगे। बच्चियो! जो जेवर गहना आप छुपा कर रखती हो वह अंदर ही अंदर पार कर देंगे तो आपको दु:ख मिलेगा। तो दु:ख के संसार में एक तो ऐसे ही दु:खी हो, और दु:ख दूर करने के उपाय नहीं करोगे तो दु:ख बढ़ता जाएगा। जब बीमारी आ जाए तो डॉक्टर को दिखा करके दवा ले लेनी चाहिए। जब मर्ज की शुरुआत में ही दवा ले लिया जाए तो मर्ज बढ़ नहीं पाता है नहीं तो मर्ज जब बढ़ गया तब परहेज भी करना और दवा भी खानी पड़ेगी, पैसा भी खर्च होगा।