लखनऊ: इस समय के पूरे समर्थ सन्त, वक़्त गुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने शरद पूर्णिमा सतसंग कार्यक्रम में लखनऊ में बताया कि लोगों,पड़ोसियों की देखा-देखी, डॉक्टर के कहने से बच्चे को अंडा-मांस खिलाने लगते हो। तो दुबला बच्चा और दुबला होता चला जाता है। डॉक्टर को खुद नहीं पता है कि इनसे तबीयत और खून ज्यादा खराब होता है। डॉक्टर खुद दवा खाते जाते हैं। कहा गया है कि जवान जोगी, वैध रोगी, पीठ पर घाव वाले योद्धा पर विश्वास नहीं करना चाहिए। पता नहीं कब जवान जोगी का मन स्त्रियों पर मोहित हो जाये, वैध को जानकारी होती तो रोगी न होता, सूरमा युद्ध में पीठ दिखा कर भागा है। डॉक्टर लोग खुद मरीज है। विश्वास न हो तो ले चलो हमको किसी मेडिकल कॉलेज में, डॉक्टर को खड़ा कर दिखा दो, हम उनका मर्ज बता देंगे, अरे एक का नहीं, दो-चार का, ज्यादा का बता देंगे। नहीं तो हमारी एक भी बात मत मानना। जिसको हमारी परीक्षा लेना है, हमारे सामने ले आओ डॉक्टरो को, हम लिख कर दे देंगे। उनसे अलग से जाकर पूछ लेना की बाबा जी ने जो कहा है, इसमें कितनी बातें सत्य हैं। अंडा, मांस, शराब आदि चीजें शरीर को अस्वस्थ करती हैं।

गौ माता का मांस खा रहे, बहुत बड़ा पाप लगता है, नरक भरे पड़े हैं:

न जानकारी में, जुबान के स्वाद के लिए, कलयुग के असर से दूध पीने की बजाय गऊ को ही मार कर खा रहे। बहुत बड़ा जीव हत्या का पाप लगता है। तीसरी आंख से देखो, नरक भरे पड़े हैं। कीड़े-मकोड़ों को मारने की दवा का प्रभाव अन्न के दाने में जाता है, जिसे खा कर लोग रोगी हो रहे।

शेयर और ऑनलाइन सामान बेचने में बहुत बड़ा रिस्क, जुआं है:

पहले जुए में जीतते चले जाते हैं, शेयर में पैसा लगा दिया, शुरू में पैसा आता चला जाता है, उसके बाद सब डूब जाता है। जो एक दिन में, एक बटन दबाने में लखपति बना देता है जिसको शेयर रहते हो, जो ऑनलाइन सामान बेचने लग जाते हो, यह रिस्क जुआं है, आदमी कब हारने लग जाए, कोई भरोसा नहीं है। इनसे बचो।

विश्वास करो, जब तक जियोगे, किसी चीज की कमी नहीं होने पाएगी और मरने के बाद भी गुरु संभाल करेंगे:

सौदेबाजी नहीं होनी चाहिए। पिता से कोई बच्चा सौदा करे कि यह काम हम करेंगे, बदले में हमको रुपया दे दो। पिता को जरूरत होगी काम तो कर लेगा। लेकिन अगर नि:स्वार्थ भाव से बच्चा करता रहे तो पिता के पास तो बहुत ज्यादा धन है। कितना भी दे दे, खुश होकर तो अपनी जीवन भर की कमाई दे दे। तो छोटी-मोटी चीजों में नहीं फंसना चाहिए। गुरु से बड़ी चीज मांगना चाहिए। गुरु से प्रभु से, प्रभु को ही मांगना चाहिए। जब प्रभु मिल जाएंगे, वह हृदय में बसे रहेंगे, अंदर में हमेशा दर्शन देते रहेंगे तो याद रखो, विश्वास करो, जब तक यहां जिओगे दुनिया में किसी भी चीज की कमी नहीं होने देंगे और मरने के बाद भी आपकी संभाल करेंगे।

मृत्यु की याद से, जवानी, धन और कुर्सी का नशा उतर जाता है:-

चिंतन करते रहो की मरने के बाद मेरा क्या होगा, मुझे कहां जाना रहेगा, एक न एक दिन शरीर छोड़ने ही पड़ेगा। मौत अगर याद आ जाये तो जवानी, धन, कुर्सी का नशा 2 मिनट भी नहीं लगेंगे, उतर जाएगा।

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