लखनऊ। जिलाधिकारी और सीएमओ दावा करते हैं कि एसएन मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, वहीं अस्पतालों की असंवेदनशीलता के कारण एक बेटे ने अपने पिता को खो दिया। मजबूर बेटा अपने बीमार पिता को ऑटो में रखकर अस्पतालों का चक्कर काटता रहा, लेकिन उसके पिता को किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। वहीं बेटे का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहा है कि उसके पिता की हालत बहुत खराब है। इसके बावजूद उन्हें किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा।

वहीं सीएमओ आरसी पांडे ने कहा कि एसएन मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में बेड की कमी नहीं है व ऑक्सीजन भी भरपूर है। जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह अभी मेरे संज्ञान में आया है। उसकी जांच की जाएगी। जो दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी कि आखिर बेड होने के बावजूद भी पीड़ित को बेड क्यों नहीं दिया गया।

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यह है पूरा मामला
आगरा जिले के थाना जगदीशपुरा हनुमान नगर बोदला रोड के रहने वाले प्रदीप वर्मा ने बताया कि उनके पिता कैलाश चंद वर्मा जूता बनाने का काम करते थे। कुछ दिनों से वे बीमार थे, जिस वजह से उनका इलाज भी चल रहा था। गुरुवार को अचानक उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। पहले निजी अस्पताल में गए, लेकिन वहां भी उन्हें भर्ती नहीं किया गया। ऑक्सीजन की कमी के कारण निजी अस्पताल वालों ने हाथ खड़े कर दिए। उसके बाद बेटा ऑटो में अपने पिता को रखकर एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचा तो वहां भी उसे साफ कह दिया गया कि बेड नहीं है, इस वजह से हम भर्ती नहीं कर सकते, जिसके बाद बेटा जिला अस्पताल पहुंचा। जिला अस्पताल में भी बेड खाली न होने की वजह से उसे लौटा दिया गया। इलाज के अभाव में गुरुवार देर रात कैलाश चंद की सांसें थम गईं, जिसके बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटा प्रदीप रो-रोकर सिर्फ यही कह रहा है कि किसी भी अस्पताल में बेड मिल जाता तो कम से कम उसके पिता जिंदा तो रहते। प्रदीप ने बताया कि अगले महीने बहन की शादी है। वह और उसका भाई अभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पिता की मौत होने की वजह से अब सब कुछ तहस-नहस हो गया।https://gknewslive.com
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