Lucknow: प्रदेश की राजधानी में पुलिस हिरासत में एक और मौत का मामला सामने आया है। इस मामले में अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई है। मृतक मोहित के परिजनों का आरोप है कि उसकी मौत पुलिस की पिटाई के कारण हुई है और मौत के बाद उसे अस्पताल लाया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या है मौत का कारण:-
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि, रविवार को डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया गया, जिसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई। रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है, जिसके चलते डॉक्टरों ने हृदय और विसरा सुरक्षित रखा है। मामले की जांच इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार सुधीर अवस्थी कर रहे हैं। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार मोहित के सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान पाए गए हैं। डीसीपी शशांक सिंह का कहना है कि, ये निशान थाने आने से पहले की मारपीट के हैं।
चिनहट थाने के पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल:-
बतादें, चिनहट के इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार चतुर्वेदी को निलंबित कर, उनकी जगह पर गाजीपुर थाने के दरोगा भरत कुमार पाठक को नया थानाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर ने कहा कि, चिनहट थाने में तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच चल रही है और जल्द ही अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
शाम को हुआ अंतिम संस्कार:-
प्रदर्शन के दौरान भाजपा विधायक योगेश शुक्ला ने परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर शव घर भेज दिया। विधायक योगेश ने मृतक के परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी, लेकिन मोहित की पत्नी ने विरोध करते हुए यह राशि स्वीकारने से मना कर दिया और कहा, “पति मर गया, यह पैसा मेरे किस काम का?” अंततः पुलिस की मौजूदगी में भैंसाकुंड में मोहित का अंतिम संस्कार किया गया।