article-370: जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने बुधवार को प्रदेश का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने की बात करता है, जिसे पांच साल पहले केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया था। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने यह प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया, और स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने इसका समर्थन किया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इस प्रस्ताव को लेकर जब चर्चा शुरू हुई, तो भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह विषय सदन के कामकाज से बाहर है। इसके बाद हंगामा बढ़ गया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

विशेष दर्जे का प्रस्ताव
प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व को दोहराया गया है। इसमें यह भी कहा गया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए अनुच्छेद 370 और अन्य संबंधित प्रावधानों को बहाल किया जाना चाहिए। विधानसभा ने इस बात पर चिंता जताई कि इन प्रावधानों को एकतरफा हटाना राज्य के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।

आपको बता दें पांच साल पहले, भा.ज.पा. के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला प्रावधान खत्म कर दिया था। इसके बाद, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। हालांकि, इस कदम को कानूनी रूप से चुनौती दी गई थी, और पिछले साल उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 को अस्थायी प्रावधान मानते हुए सरकार के कदम को वैध ठहराया था।

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