लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 8 नवंबर को सिमडेगा में आयोजित एक चुनावी जनसभा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उनका कहना था कि भाजपा आदिवासियों की जल, जंगल और जमीन को छीनने की कोशिश कर रही है, और यह सिर्फ आदिवासी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे देश के संविधान के खिलाफ एक साजिश है।
मैं आप सभी को सच्चाई बताने की कोशिश कर रहा हूं कि 90% लोगों की देश में कोई भागीदारी नहीं है।
मैं जब भी ये बात करता हूं, तो BJP कहती है कि मैं लोगों को बांट रहा हूं। जबकि मैं देश को मजबूत करने की कोशिश कर रहा हूं।
अगर देश के लोगों को भागीदारी दिलाना, लोगों को उनकी जगह दिलाना… pic.twitter.com/Q8mRDxCfRa
— Congress (@INCIndia) November 8, 2024
राहुल गांधी ने कहा कि आज देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है—एक ओर है इंडिया गठबंधन, जो संविधान की रक्षा के लिए खड़ा है, और दूसरी ओर है BJP और RSS, जो संविधान को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान सिर्फ एक कानूनी किताब नहीं है, बल्कि इसमें महान नेताओं जैसे बिरसा मुंडा, डॉ. भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी और जोतिराव फुले की विचारधारा समाई हुई है, जो खासतौर पर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों के हक की रक्षा करती है।
राहुल गांधी ने BJP के आदिवासियों को “वनवासी” कहने पर भी नाराजगी जाहिर की। उनका कहना था कि भाजपा द्वारा आदिवासियों को “वनवासी” कहना उनके सम्मान का अपमान है। उन्होंने यह याद दिलाया कि अंग्रेज़ी शासन के दौरान भी आदिवासियों को “वनवासी” कहा जाता था, जबकि वास्तव में वे देश के पहले मालिक थे।
राहुल गांधी ने यह स्पष्ट किया कि उनका और इंडिया गठबंधन का उद्देश्य संविधान की रक्षा करना है, जबकि भाजपा संविधान को कमजोर या खत्म करने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार यह लड़ाई सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान और आदिवासियों के अधिकारों की भी है।