धर्म-कर्म: परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज द्वारा घोषित उत्तराधिकारी, जिनमें समा करके, जिस रूप में ही अब स्वामी जी महाराज सबकी संभाल कर रहे हैं, सुमिरन की पहली, दूसरी और अंतिम माला में जिन वक़्त गुरु के रूप का ध्यान करने पर ही अब आध्यात्मिक तरक्की संभव है, जो अब भी कंफ्यूज हैं, वो सुमिरन में एक महिना स्वामीजी का और फिर एक महिना महाराज जी का ध्यान करके खुद देख लो, खुद अनुभव कर लो और अपना संशय खुद ही जल्दी से मिटा लो, तो ऐसे वक़्त गुरु दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि इस समय घर-घर बीमारी, लड़ाई-झगड़ा, टेंशन, रुपया-पैसा की कमी बराबर बनी रहती है, परेशान रहते हो, मानसिक तकलीफ बनी रहती है। कोई अपने लड़के से, कोई लड़की से, औरत से परेशान। जिन रिश्तेदारों को हितैषी समझते थे, वो ही दुश्मनी अदा कर रहे हैं। किसी की पत्नी तो किसी का पति धोखा दे रहा। धोखे परेशानियों का ही भैया! ये संसार है। इन सबसे छुटकारा कैसे मिलेगा? जब (पूरे गुरु की बताई आध्यात्मिक साधना) भजन, ध्यान सुमिरन करने लगेंगे, जब विश्वास हो जाएगा। देखे बिन न होय प्रतीति। बिन प्रतीत होय नहीं प्रीति।।

आपकी बातों में दम कब रहेगा:- 

जब तक आपको अंतर में कुछ दिखाई सुनाई नहीं पड़ेगा तब तक आपको विश्वास नहीं होगा। विश्वास होने पर तब आपकी बातों में दम रहेगा। किसी से कुछ कहोगे तो मजबूती से, जोर देकर के, छाती सीना ठोक करके कहोगे की भाई ये संभव है, होता है, प्रभु है, सब जगह है, इसी मनुष्य शरीर में प्रभु का दर्शन होता है, उनकी आवाज सुनाई पड़ती है और तुम करो। तब परिवार वाले भी करेंगे, घर के मुखिया बुजुर्ग जैसा करते हैं, घर में उसी तरह से बच्चों के ऊपर असर आता है, बच्चे भी नकल करते हैं।

जयगुरुदेव नाम ध्वनि से बच्चे बिगड़ते नहीं हैं:- 

आजकल बच्चे ज्यादा बिगड़ रहे हैं। मुख्य कारण यही है कि परिवार के लोग ध्यान नहीं देते हैं। गलत बच्चों के साथ पड़ जाते हैं। जब आप ही जयगुरुदेव नाम, जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलोगे तो आपके कहने से बच्चे ऐसे नहीं बोलते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को ही अब संभालो। बड़े बच्चे जो बिगड़ गए, जब वे सतसंग में बराबर आएंगे, सेवा भजन में बराबर लगाओगे तब उनके अंदर सुधार आएगा। लेकिन यह जो छोटे बच्चे हैं, जो पीढ़ी आने वाली है, यह न बिगड़ जाए, इसके लिए अभी इनको नाम ध्वनि बुलवाने की जरूरत है। इनको संगत से जोड़ो, सतसंगियों के अच्छे बच्चे के साथ जोड़ने की प्रेरणा दो, बताओ तब बात बनेगी। नहीं तो टेंशन, परेशानियां लोगों की अभी और बढ़ेंगी। ऐसे बोलना रहेगा- “जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयजय गुरुदेव”।

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