धर्म कर्म: वक्त के समर्थ सन्त सतगुरु दुःखहर्ता बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा- सतसंग एवं नामदान 14 नवम्बर 2024 को सायं 4 बजे से, 15 नवम्बर को सुबह 10 बजे से, स्थान -जिला सत्र न्यायालय के पीछे वाला मैदान, जबलपुर रोड, झिंझरी, कटनी (म.प्र.) में समय परिस्तिथि अनुकूल होने पर होगा। आज घर-घर में बीमारी, परेशानी, मानसिक तनाव, काम-धंधे में बरकत की कमी और परिवारों में आपसी खींचतान से लोग परेशान हैं। अपनी सुख-सुविधानों के लिए इंसान आज कुदरत के बनाए नियमों को तोड़ दे रहा है। इससे कुदरत और देवी-देवता नाराज होकर सजा देने के लिए तैयार खड़े हैं। ऐसी स्थिति में कोई समरथ गुरु का सहारा मिल जाए तो घर-परिवार में सुख-शांति और बरकत वापस आ सकती है।

हर महीने पूर्णिमा, अमावस्या, तीज-त्यौहार आते हैं, मनुष्य को बतलाने के लिए कि चेतो, तुम्हारे जीने का समय खत्म होता जा रहा है और खर्च करने के लिए जो स्वास मिला है उसके ख़त्म होते ही शरीर धड़ाम से गिर जाएगा। सारा धन-दौलत, पूरा परिवार सब यहीं छूट जाएगा और जीवन में किए हुए कर्मों की सजा मिल जाएगी। परंतु सन्त और सतसंग न मिलने से मनुष्य लाभ नहीं उठा पाता है। अच्छे-बुरे की जानकारी नहीं होने से मनुष्य बुरे कर्म करता चला जा रहा है और अपने अंत:करण को मैला कर रहा है। जिसके कारण देवी-देवता व परमात्मा से कुछ पाने के लिए वो जो भी तीर्थ-व्रत, पूजा-पाठ करता है, उसका फल नहीं मिल पाता है। इसलिए तमाम मानसिक और शारीरिक तकलीफें मिल रही हैं। इन्हीं सब बातों को समझाने, अंतःकरण को बुरे कर्मों से साफ करने का रास्ता बताने के लिए बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकान्त जी महाराज अपने मुख्य आश्रम उज्जैन से कटनी आ रहे हैं।

वक्त गुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज अपने दिव्य अलौकिक सतसंग में ऐसा सरल उपाय बताएंगे कि जिससे संसार की सुख-शान्ति मिले और नामदान लेकर ध्यान-भजन करने से इसी मनुष्य शरीर रूपी मंदिर में देवी-देवता व समर्थ प्रभु का दर्शन भी हो क्योंकि जब दुनिया बनाने वाला ही मिल जाए तो दुनिया की सभी वस्तुएं, जरूरतें सहज सुलभ हो जाती हैं। ज्ञातव्य है कि ये वही दुःखहर्ता परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज हैं, जिनके दर्शन करने, सतसंग सुनने, अपनी बात कह देने और उनके बताए रास्ते पर चलने से लोगों को अपनी दुःख, तकलीफों में बराबर आराम मिल रहा है, नामदान लेकर भजन करने से दैहिक, दैविक, भौतिक कष्टों से निजात मिल रही है और भाव-भक्ति के अनुसार मनोकामना भी पूरी हो रही है। कहा गया है कि वक्त के डॉक्टर, वक्त के मास्टर, वक्त के समरथ गुरु के पास जाने से ही तकलीफ दूर होती है, ज्ञान मिलता है।

अतः आप सभी जाति-मजहब के मानने वालों से गुजारिश है कि वक्त के गुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा सतसंग सुनिए, परमात्मा को पाने का रास्ता पांच नामों का नामदान ले लीजिए और लोक-परलोक सुधार कर अपना मानव जीवन सफल बना लीजिए।

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