प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के गेट पर छात्र प्रदर्शन चौथे दिन गुरुवार को और भी उग्र हो गया। छात्र अपनी मांगों को लेकर लगातार नाराज हैं, और प्रदर्शन की तीव्रता को देखकर स्थानीय पुलिस को पीछे हटना पड़ा। इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी और आयोग के दफ्तर में घुसने की कोशिश की। इस पर स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को बुलाना पड़ा, और सादे कपड़ों में पहुंचे एसटीएफ के जवानों से छात्रों की तीखी झड़प भी हुई।

प्रदर्शन की वजह…
छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं और मांगों की अनदेखी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगों में फॉर्म भरने की प्रक्रिया में ढिलाई, परीक्षाओं के परिणाम में देरी, और अन्य संवेदनशील मुद्दे शामिल हैं। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद प्रदर्शनकारी छात्र पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। छात्रों ने यह तक कहा है, “हम नहीं हटेंगे, नहीं बटेंगे,” यह दर्शाता है कि उनकी नाराजगी गहरी है और वे अपनी बात को सुनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

बुधवार को कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया, जिससे छात्रों में और भी नाराजगी बढ़ गई। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने छात्रों को हटाने की कोशिश की, और इस दौरान सादे कपड़ों में एसटीएफ के जवानों ने छात्रों को हथकड़ी लगाकर या खींचकर हटाने की कोशिश की।छात्र सड़क पर लेट गए, और पुलिस ने आयोग के रास्ते बंद कर दिए। प्रदर्शनकारी छात्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं।

एसटीएफ और पुलिस के साथ छात्रों की झड़प ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने आयोग और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्र अपने विरोध को अब शांति से नहीं, बल्कि आक्रोश और संघर्ष के साथ जारी रखने के लिए तैयार हैं। उनकी मुख्य मांगों के साथ-साथ यह प्रदर्शन राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ भी बढ़ता जा रहा है।

पुलिस और प्रशासन की चुनौती:
पुलिस के लिए यह स्थिति काफ़ी चुनौतीपूर्ण बन गई है, क्योंकि छात्रों का सामूहिक प्रदर्शन और आक्रोश बढ़ते जा रहे हैं। इसके बावजूद, पुलिस और प्रशासन को स्थिति पर काबू पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। हालांकि, पुलिस और एसटीएफ के जवानों ने विरोध कर रहे छात्रों को हटाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों की संख्या और उनका आक्रोश उनकी कार्यवाही को प्रभावी बनाने में मुश्किल डाल रहा है।

छात्र आंदोलन में नारी शक्ति भी शामिल है, और कई छात्राएं भी पुलिस और एसटीएफ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही हैं। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि उनकी मांगों को न सुने जाने के कारण उन्होंने यह कठोर कदम उठाया है, और वे अपने अधिकारों की लड़ाई जारी रखने का दृढ़ संकल्प रखते हैं।

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