Sambhal Violence: संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की टीम ने रविवार को हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आयोग ने जामा मस्जिद समेत उन सभी स्थानों का गहन निरीक्षण किया, जहां हिंसा और पथराव की घटनाएं हुई थीं। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी और 19 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
जामा मस्जिद का निरीक्षण:-
आयोग की टीम सबसे पहले जामा मस्जिद पहुंची। टीम ने मस्जिद के अंदर और बाहर की स्थिति का लगभग तीन मिनट तक निरीक्षण किया। इस दौरान एसपी कृष्ण विश्नोई ने टीम को बताया कि सर्वे को लेकर शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे हिंसा में बदल गया। भीड़ ने मस्जिद के पास से पथराव शुरू किया, जिससे हालात बेकाबू हो गए।
घटनास्थल का जायजा:-
एसपी ने बताया कि हिंसा के दौरान वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और पुलिस पर हमला किया गया। टीम ने मस्जिद और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया। निरीक्षण के दौरान टीम ने हिंसा के मुख्य स्थानों की पहचान की और अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। आयोग ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के दुकानदारों और निवासियों से बातचीत की। दुकानदारों ने बताया कि पथराव के दौरान उन्होंने अपनी दुकानें बंद कर दीं और वहां से चले गए। आयोग की टीम ने घटनाओं की कड़ी जानकारी ली और उस दिन की घटनाओं का विस्तार से अध्ययन किया। जामा मस्जिद के बाद आयोग की टीम नखासा चौराहा पहुंची, जहां हिंसा और पथराव की घटनाएं हुई थीं। टीम ने वहां की स्थिति का गहन अध्ययन किया और अधिकारियों से चर्चा की।
प्रशासन से मिली जानकारी:-
आयोग ने जिलाधिकारी, एसपी और अन्य अधिकारियों से पूरी घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। एसपी ने आयोग को बताया कि हिंसा के दिन किन स्थानों से पथराव हुआ और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए क्या प्रयास किए। आयोग को दो महीने के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी है। इससे पहले, शनिवार को आयोग के सदस्य मुरादाबाद सर्किट हाउस में मंडलायुक्त और अन्य अधिकारियों से मिले और घटना से जुड़ी प्रारंभिक जानकारी प्राप्त की।
अब तक की कार्रवाई:-
300 बवालियों की पहचान हो चुकी है।
250 के पोस्टर जारी किए गए हैं और 50 अन्य के पोस्टर तैयार किए जा रहे हैं।
पुलिस ने 30 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस बल और सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी जारी है।
राजनीतिक हलचल:-
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस, सपा और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। यहां तक कि संसद में भी इस घटना पर बहस हुई।