धर्म-कर्म: बाबा उमाकांत जी महाराज, जो सभी को अपना परिवार मानकर प्रेम करते हैं और समय से पहले चेतावनी देकर बचने का मार्ग बताते हैं, ने सतसंगियों को युग परिवर्तन के समय आने वाले खतरों और उनसे बचने के उपायों के बारे में समझाया। उन्होंने बताया कि लोगों का खानपान और चरित्र खराब हो गया है, जिससे उनमें राक्षसों जैसे अवगुण आ गए हैं। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों से बचा जा सकता है।

युग परिवर्तन का अर्थ:- 
बाबा जी ने समझाया कि चार युग होते हैं: सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग। हर युग की एक निश्चित अवधि होती है, जैसे हमारी उम्र होती है। जब युग की उम्र समाप्त हो जाती है, तो परिवर्तन होता है। सतयुग के बाद त्रेता, फिर द्वापर और अब कलयुग चल रहा है। लेकिन अब कलयुग का अंत निकट है, और सतयुग कुछ समय के लिए वापस आएगा।

पाप बढ़ने से होता है युग परिवर्तन:- 
बाबा जी ने कहा कि, जब पाप और अधर्म अत्यधिक बढ़ जाते हैं, तब युग परिवर्तन होता है। उन्होंने रावण का उदाहरण दिया, जो प्रतापी और विद्वान होते हुए भी मांसाहार और मदिरापान के कारण विनाश का कारण बना। इसी तरह आज भी लोगों के नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है।

सतयुग की वापसी और तैयारी:- 
बाबा जी ने कहा कि सतयुग में सुख-सुविधाओं की भरमार थी। एक बार खेत बोने पर 27 बार फसल काटी जाती थी। कोई भूख, प्यास या कमी नहीं थी। सतयुग के ऐसे सुखद समय का स्वागत करने के लिए जरूरी है कि लोग सही मार्ग अपनाएं। लेकिन अगर लोग अपनी गलत आदतों को नहीं छोड़ेंगे, तो सतयुग आने पर भी विनाश हो सकता है।

बचने के उपाय:–

  1. शाकाहार अपनाएं: लोगों को शाकाहारी बनाएं और उन्हें मांसाहार छोड़ने के लिए प्रेरित करें।
  2. नशा-मुक्त जीवन: शराब और अन्य नशों से दूर रहना आवश्यक है।
  3. भजन और ध्यान: नामदान लेकर सुमिरन और ध्यान करें। इससे भीतर की तड़प जागेगी और प्रभु दर्शन का अनुभव होगा।
  4. नामदान का प्रचार: जो लोग नामदान नहीं लिए हैं, उन्हें भगवान के नाम की महिमा बताएं और नामदान दिलवाएं।
  5. सकारात्मक जीवन जीएं: दूसरों को प्रेम और सद्भाव सिखाएं। मानसिक और शारीरिक कष्टों से बचने के लिए प्रभु का नाम जपें।
    कर्म काटने का उपाय

बाबा जी ने कहा कि, भजन और ध्यान से कर्मों का नाश होता है। जो लोग भटक रहे हैं, उन्हें सही मार्ग दिखाने की जरूरत है। सतयुग के सुखों का अनुभव वही कर सकेगा, जो इन उपायों को अपनाएगा, बाबा जी ने अंत में कहा कि सतयुग का आगमन निकट है। इसे अपनाने और इससे जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए हर व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहिए।

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