UP: राना स्टील में जीएसटी टीम पर हमले के मामले में जेल जा चुके पूर्व विधायक शाहनवाज राना की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। पुलिस ने करीब 14 साल बाद उनकी हिस्ट्रीशीट दोबारा खोल दी है। इस मामले में जीएसटी टीम की महिला अधिकारी ने पूर्व विधायक पर बदसलूकी और सरकारी कार्य में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगाया है।

घटना का विवरण:-
गुरुवार को वहलना चौक स्थित राना स्टील में जीएसटी की डीजीजीआई टीम ने छापेमारी की थी। इस दौरान हंगामा हुआ और टीम पर हमला किया गया। इंटेलिजेंस ऑफिसर कौशल कुमार ने शाहनवाज राना के खिलाफ पथराव, गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने, महिला अधिकारी से अभद्रता, और हाथ पकड़कर धक्का देने समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।

महिला अधिकारी के बयान और मेडिकल जांच:-
शनिवार को पुलिस ने महिला अधिकारी, वादी, और इंटेलिजेंस ऑफिसर का मेडिकल करवाकर बयान दर्ज किए। सुरक्षा के बीच महिला अधिकारी का बयान अदालत में दर्ज कराया गया। मामले में शाहनवाज राना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 75 लगाई गई थी, जिसे विवेचना के दौरान 75(2) में परिवर्तित किया गया।

14 साल बाद हिस्ट्रीशीट फिर खोली गई:-
पूर्व विधायक की हिस्ट्रीशीट 2001 में शहर कोतवाली में खोली गई थी, लेकिन 2010 में कोर्ट के आदेश पर इसे बंद कर दिया गया था। अब, जीएसटी टीम पर हमले के मामले में मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने उनकी हिस्ट्रीशीट फिर से खोल दी है। यह मामले अब खालापार थाने में स्थानांतरित कर दिए गए हैं।

महिला अधिकारी पर अभद्रता का आरोप और धारा 75 का प्रयोग:-
वादी के मुताबिक, शाहनवाज राना ने जीएसटी टीम की महिला अधिकारी के साथ अभद्रता की और उनका हाथ पकड़कर धक्का दिया। भारतीय दंड संहिता की धारा 75 के तहत महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न या बिना अनुमति के छूने के अपराध को गैर-जमानती और गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा गया है। एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि मुकदमे में वादी और महिला अधिकारी के बयान अदालत में दर्ज कराए गए हैं। अब इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। यह मामला न केवल पूर्व विधायक के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है बल्कि उनके कानूनी संकट को भी गहरा कर सकता है।

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