No-confidence motion against Jagdeep Dhankhar: कांग्रेस ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। जानकारी के अनुसार, ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताई है। अब तक 70 सांसदों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसी बीच सभापति धनखड़ ने फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई है।

पक्षपात का आरोप:-
सोमवार (9 दिसंबर) को राज्यसभा में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सभापति पर कार्यवाही के दौरान पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई विपक्षी सांसदों ने कहा कि सभापति का यह रवैया निष्पक्ष नहीं है।

नोटिस खारिज करने पर हुआ विवाद:-
सभापति ने नियम 267 के तहत आए 11 नोटिस खारिज कर दिए, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई थी। इसके बावजूद सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने का अवसर देने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा, “नोटिस खारिज किए जाने के बाद उसमें उठाए गए मुद्दों को सदन में चर्चा की अनुमति देना गलत है। सभापति को निष्पक्ष रहना चाहिए।”

खरगे का बयान:-
खरगे ने हंगामे के दौरान कहा, “मैंने लंबे समय तक हाथ उठाकर आपको ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की, लेकिन आपने मुझे मौका नहीं दिया। आपने सीधे मंत्री को बुला लिया, जो उचित नहीं है।”

सभापति का जवाब:-
सभापति धनखड़ ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष को सीधे आरोप लगाने के बजाय मुद्दे पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आप हर बार कहते हैं कि मैं मंत्री या नेता सदन का पक्ष लेता हूं। यह आरोप सही नहीं है। आप मुद्दे पर बोलें और सदन की गरिमा बनाए रखें।” इस घटनाक्रम से राज्यसभा में विपक्ष और सभापति के बीच तनाव बढ़ गया है। विपक्ष का कहना है कि अगर कार्यवाही निष्पक्ष नहीं रही, तो लोकतंत्र पर संकट गहरा सकता है।

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