indian politics: इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, और इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। खड़गे का कहना है कि उपराष्ट्रपति का रवैया पक्षपाती और राजनीति से भरा हुआ है, जो उनके संवैधानिक कर्तव्यों के विपरीत है।
आमतौर पर विपक्ष चेयरमैन से प्रोटेक्शन मांगता है, वही विपक्ष के संरक्षक होते हैं।
लेकिन अगर खुद सभापति सत्ता पक्ष और प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे हों तो विपक्ष की कौन सुनेगा? सभापति हमारी ओर ध्यान नहीं देते, लेकिन सत्ता पक्ष को बोलने के लिए इशारा करते हैं।
जब विपक्ष सरकार से… pic.twitter.com/uxSWabFUfG
— Congress (@INCIndia) December 11, 2024
खड़गे ने उपराष्ट्रपति के व्यवहार को लेकर कई बिंदु उठाए, जिनमें प्रमुख यह था कि वह कभी विपक्षी नेताओं को ताने मारते हैं तो कभी सरकार की तारीफ करते हैं, जैसे एक पार्टी प्रवक्ता की तरह। उनका आरोप था कि उपराष्ट्रपति ने सदन को नियंत्रित करने के बजाय, राजनीति में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है, जो कि संविधान और उनके कर्तव्यों के खिलाफ है।
राज्य सभा के चेयरमैन का विपक्ष के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है।
सत्ता पक्ष को बोलने का पूरा मौका दिया जाता है, लेकिन हमें बोलने का मौका मिलते ही सदन स्थगित कर दिया जाता है।
ये व्यवहार पूरी तरह से पक्षपात को दर्शाता है।
: @MdNadimulHaque6 जी, All India Trinamool Congress pic.twitter.com/ESFAXggGjc
— Congress (@INCIndia) December 11, 2024
खड़गे ने संविधान के अनुच्छेद 67 का हवाला देते हुए कहा कि आज तक किसी उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया गया, क्योंकि वे हमेशा निष्पक्ष रहते थे और सदन को उचित तरीके से चलाते थे। लेकिन अब सदन में राजनीति का बोलबाला हो गया है, और यह भारत के संवैधानिक ढांचे के लिए चिंता का विषय बन गया है।