Zakir Hussain Death: प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे पिछले दो हफ्तों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार को उनके परिवार ने उनके निधन की पुष्टि की।
परिवार ने दी आधिकारिक जानकारी:-
जाकिर हुसैन के परिवार ने सोमवार को उनके निधन की पुष्टि करते हुए एक आधिकारिक बयान जारी किया। परिवार ने बताया कि, उनकी मृत्यु “इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस” नामक बीमारी के कारण हुई, जो फेफड़ों को प्रभावित करती है। रविवार को भी जाकिर हुसैन के निधन की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं। लेकिन उस समय उनकी बहन खुर्शीद औलिया, जो लंदन में रहती हैं, ने इन खबरों का खंडन किया था। उन्होंने बताया था कि, सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में उनकी बेटी ने पुष्टि की थी कि जाकिर हुसैन जीवित हैं। हालांकि, उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
कौन थे जाकिर हुसैन?
उस्ताद जाकिर हुसैन दुनिया के सबसे महान तबला वादकों में से एक थे। 1951 में उस्ताद अल्लाह रक्खा के घर जन्मे जाकिर बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने महज सात साल की उम्र में मंच पर प्रस्तुति देना शुरू कर दिया था। जाकिर हुसैन न केवल एक बेहतरीन तबला वादक थे, बल्कि एक प्रतिभाशाली संगीतकार भी थे। उन्होंने हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी जैसी फिल्मों के लिए संगीत दिया था। इसके साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैले और ऑर्केस्ट्रा प्रोडक्शन्स के लिए भी अद्भुत कंपोजिशन तैयार की थीं। जाकिर हुसैन का निधन संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। उनकी कला और योगदान सदियों तक याद किए जाएंगे।
सम्मान और उपलब्धियां:-
उस्ताद जाकिर हुसैन को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
- उन्हें 1988 में पद्मश्री, 2002 में पद्मभूषण, और 2023 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।
- 1990 में उन्हें संगीत के सर्वोच्च सम्मान संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा गया।
- चार बार ग्रैमी पुरस्कार विजेता
- जाकिर हुसैन को 2009 में “ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट” एल्बम के लिए ग्रैमी अवॉर्ड मिला। अपने करियर में वे 7 बार ग्रैमी के लिए नामांकित हुए और 4 बार यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने में सफल रहे।