Parliament Session: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को राज्यसभा में ‘भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा करते हुए संविधान के खतरे में होने का दावा किया और कहा कि संविधान की रक्षा के लिए सभी को तैयार रहना होगा। खरगे ने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं पर अत्याचारों का सिलसिला अभी भी जारी है, और इन मुद्दों को लेकर सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि जब संविधान को अपनाया गया था, तो हमें उसी के अनुसार चलना चाहिए, और कुछ लोग चाहते हैं कि यह संविधान मनु स्मृति जैसा हो, जो समाज के विभाजन को बढ़ावा देता था। खरगे ने यह भी कहा कि वे लोग जो भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते हैं, आज उसी संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि संविधान पर खतरा बना हुआ है, और इसके लिए सभी को सतर्क रहना होगा। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि पिछले 11 वर्षों में इस सरकार ने ऐसा कौन सा कदम उठाया है जिससे देश का लोकतंत्र और संविधान मजबूत हुआ हो।

इसके अलावा, खरगे ने अपनी सरकार द्वारा लागू किए गए खाद्य सुरक्षा अधिनियम, मनरेगा और शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लेख किया, जो गरीबों के लिए मददगार साबित हुए हैं, खासकर कोविड काल में। उन्होंने सरकार के वादों को भी चुनौती दी, जैसे कि काला धन वापस लाने और हर साल दो करोड़ रोजगार देने के वादे, जो उनके अनुसार झूठे साबित हुए।

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