लखनऊ। यूपी में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार थोड़ी कम हो गई है। प्रदेश में वैक्सीनेशन का ग्राफ भी घट गया है। राज्य में 1 जनवरी से टीकाकरण अभियान चल रहा है। वर्तमान में इसका पांचवा चरण चल रहा है, राज्य में पहले 8000 टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे, लेकिन अब मंगलवार को 3000 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। इनमें 18 से 44 वर्ष तक के लिए 300 टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। कारण यह है कि कोरोना के प्रकोप से यूपी में घर-घर खौफ पसरा हुआ है। जिसके चलते कोविड वैक्सीनेशन अभियान डगमगा गया है। स्थिति यह है कि मई आते-आते यहां आधे से ज्यादा टीकाकरण केंद्र बंद हो गए हैं। वहीं लाभार्थियों की तादाद भी 50 फीसदी से कम रह गई है। ऐसे में हर रोज लाखों लाभार्थी टीकाकरण से वंचित हो रहे हैं। इसका एक कारण जहां अप्रैल में कोरोना की भयावता रही, जिससे बड़ी संख्या में हेल्थ वर्कर कोरोना वायरस स्क्रीनिंग अभियान की ड्यूटी में लगा दिए गए। साथ ही उनका संक्रमण की चपेट में आना रहा। वहीं दूसरी ओर वैक्सीन की आपूर्ति और उपलब्धता को लेकर भी रहा। इसको लेकर प्राइवेट अस्पतालों में टीका लगना शुरू नहीं हो सका।
राज्य में पहले 8000 टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे, लेकिन अब मंगलवार को 3000 केंद्रों पर टीकाकरण किया गया। इनमें 18 से 44 वर्ष तक के लिए 300 टीकाकरण केंद्र बनाया गया है। ऐसे में मई में औसतन पौने दो लाख से लेकर दो लाख तक लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई गई। वहीं पूर्व में चार से 5 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई। प्रदेश ने देश में रिकॉर्ड कायम किया। राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय घई के मुताबिक अभी 3000 केंद्रों पर टीका लगाया जा रहा है, जल्द ही संख्या बढ़ेगी।
ऑनलाइन पंजीकरण से बुजुर्ग परेशान, युवाओं का स्लॉट फुल
पहले कोरोना वैक्सीन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से पंजीकरण हो रहे थे। वहीं सोमवार से सिर्फ ऑनलाइन पंजीकरण ही रखा गया है। ऑफलाइन पंजीकरण सुविधा समाप्त कर दी गई है। पहले दोनों तरह के पंजीकरण के लिए 50- 50 प्रतिशत स्लॉट का नियम था। यानी कि 50% ऑनलाइन और 50% ऑफलाइन लोग पंजीकरण करा सकते थे। वहीं यह सुविधा बंद होने से बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 18 से 44 वर्ष तक का 15 मई तक का स्लॉट फुल हो गया है।https://gknewslive.com