Lucknow: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर चल रहे माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति के धरना/याचना कार्यक्रम को आज स्थगित कर दिया गया। यह धरना 18 दिसंबर 2024 से अनवरत जारी था, लेकिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए समिति के पदाधिकारियों और लगभग 36 जनपदों से आए शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रखकर अपनी संवेदना व्यक्त की।
शिक्षकों की मांगें और सरकार की उदासीनता:-
धरना स्थल पर प्रदेशीय महामंत्री प्रभात त्रिपाठी ने कहा कि सरकार के 9 नवंबर 2023 के शासनादेश के तहत 1993 से आज तक सभी तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर मानदेय देने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय ने इस आदेश को स्थगित कर शिक्षकों को वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया। बावजूद इसके, सरकार आदेशों का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने बताया कि, 2000 से पहले के तदर्थ शिक्षकों को वेतन भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन 2000 के बाद के शिक्षकों को अब तक वेतन नहीं दिया गया। सरकार के इस दोहरे रवैये से शिक्षक वर्ग आक्रोशित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और हाई कोर्ट के निर्देशों के बावजूद तदर्थ शिक्षकों को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
शिक्षकों की गंभीर स्थिति:-
प्रदेशीय संयोजक राजमणि सिंह ने बताया कि वेतन और सेवा सुरक्षा की मांग को लेकर कई शिक्षक मानसिक और आर्थिक तनाव झेल रहे हैं। अब तक कई शिक्षक असमय मौत के शिकार हो चुके हैं, जबकि 200 से अधिक शिक्षक गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। उनके परिवारों की स्थिति दयनीय हो चुकी है। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे स्वयं इस मामले को गंभीरता से लें और शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित करें। प्रभात त्रिपाठी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने विधान परिषद सदस्यों से कहा था कि 2000 से पहले और बाद के शिक्षकों के बीच कोई भेदभाव नहीं होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।”
याचना कार्यक्रम का संचालन:-
धरना स्थल पर मौजूद शिक्षकों ने एक स्वर में सरकार से दो सूत्रीय मांगें कीं:
- सभी तदर्थ शिक्षकों का वेतन तुरंत जारी किया जाए।
- शिक्षकों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
याचना कार्यक्रम का संचालन कोषाध्यक्ष राजेश पांडे ने किया। इस मौके पर अंजनी बाजपेई, योगेंद्र पांडे, किरण द्विवेदी, प्रवीण द्विवेदी, और अन्य पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, याचना कार्यक्रम जारी रहेगा।