Shamli Encounter: उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के इंस्पेक्टर सुनील कुमार की गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बीती रात शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में उन्होंने मुस्तफा कग्गा गैंग के चार कुख्यात बदमाशों को मार गिराया था। लेकिन, इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर सुनील को पेट और छाती में तीन गोलियां लगीं, जिनमें से एक गोली उनके लिवर को भेद गई। उनकी हालत गंभीर थी और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

सोमवार देर रात एसटीएफ मेरठ को सूचना मिली थी कि मुस्तफा कग्गा गैंग का सदस्य अरशद अपने साथियों के साथ शामली के झिंझाना क्षेत्र में लूट की योजना बना रहा है। एसटीएफ टीम ने इलाके की घेराबंदी की और एक संदिग्ध कार को रोकने की कोशिश की। बदमाशों ने रोकने के बजाय टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मुठभेड़ की स्थिति पैदा हो गई।

करीब 30 मिनट तक चली इस गोलीबारी में एसटीएफ टीम ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गैंग के चारों बदमाशों – अरशद, मंजीत, सतीश और एक अज्ञात को मार गिराया। अरशद सहारनपुर के थाना बेहट में लूट और हत्या के मामलों में वांछित था और उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।

मुस्तफा कग्गा गैंग का प्रमुख सदस्य अरशद उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आतंक का दूसरा नाम था। उसके खिलाफ सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर और हरियाणा के विभिन्न थानों में हत्या, लूट और डकैती समेत 17 मामले दर्ज थे। एडीजी मेरठ जोन ने अरशद को पकड़ने के लिए इनाम की घोषणा की थी।

मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर सुनील कुमार कर रहे थे। बदमाशों से मुकाबला करते हुए उन्होंने बहादुरी से मोर्चा संभाला, लेकिन इस दौरान उन्हें तीन गोलियां लगीं। गंभीर रूप से घायल सुनील को पहले करनाल के अमृतधारा अस्पताल ले जाया गया और फिर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

इंस्पेक्टर सुनील की शहादत ने पुलिस विभाग और आम जनता को गहरे शोक में डाल दिया है। उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पैतृक गांव बना-मसूरी (मेरठ) ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनील कुमार की बहादुरी को नमन करते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सुनील कुमार की शहादत से प्रेरित होकर यूपी पुलिस अपराध के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज करेगी।

पार्थिव शरीर को पोस्टमॉर्टम के बाद उनके पैतृक गांव बना-मसूरी (मेरठ) ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुनील कुमार की बहादुरी को नमन करते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपये की सहायता राशि और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि सुनील कुमार की शहादत से प्रेरित होकर यूपी पुलिस अपराध के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज करेगी।

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