प्रयागराज: संगम पर भगदड़ के कारण उत्पन्न अव्यवस्था को नियंत्रित करने के बाद, प्रशासन ने तीनों शंकराचार्यों के एक साथ स्नान की योजना बनाई है। द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती, ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और श्रृंगेरी मठ के शंकराचार्य विधु शेखर भारती अपने लोगों के साथ सेक्टर 22 से संगम के लिए रवाना होंगे।
अखाड़ों ने किया अमृत स्नान न करने का ऐलान:-
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ और भगदड़ की घटना के चलते सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान न करने का फैसला लिया था। यह घोषणा अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र गिरी ने निरंजन छावनी से की। हालांकि, अब खबर है कि, स्थिति सामान्य होते ही अखाड़े अमृत स्नान कर सकते हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि, जिस तरह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और भगदड़ हुई, उसके चलते अखाड़ों ने स्नान न करने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि अखाड़ों के संगम पर जाने से स्थिति और अधिक बिगड़ सकती थी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के ऐलान के बाद महानिर्वाणी अखाड़े ने अपना जुलूस बीच रास्ते से ही वापस बुला लिया, जबकि जूना अखाड़े ने भी छावनी में लौटने का निर्णय लिया। हादसे की सूचना मिलते ही अंजलि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि भी छावनी पहुंचे।
प्रशासन पर फूटा महामंडलेश्वर प्रेमानंद का गुस्सा:-
महाकुंभ में भगदड़ के कारण हुई मौतों पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि, पहले ही कुंभ की सुरक्षा आर्मी को सौंपने की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने प्रशासन को पूरी तरह से विफल बताते हुए आरोप लगाया कि वे केवल वीआईपी (VIP) सेवा में लगे रहे और आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा की अनदेखी की। उन्होंने कहा, “किसी का बेटा चला गया, किसी का बाप चला गया। हमने पहले ही प्रशासन को आगाह किया था, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।”