लखनऊ। राजधानी के अहिमामऊ दुबग्गा, अवध चौराहा, सीतापुर रोड, पॉलिटेक्निक चौराहा, मुंशी पुलिया चौराहा ऐसे कई प्रमुख चौराहे हैं, जहां पर हर रोज बड़ी संख्या में दिहाड़ी मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में आते हैं। इनमें प्रमुख रूप से घर बनाने वाले मिस्त्री, लेबर शामिल होते हैं। ये सभी इसी आशा से रोज आते हैं कि आज उन्हें काम मिलेगा पर इस आंशिक लॉकडाउन के दौर में इन दिहाड़ी मजदूरों को प्रतिदिन निराश होकर अपने घर लौट जाना पड़ता है। रोजी-रोटी की तलाश में आए इन मजदूरों को रोटी तो नहीं मिलती पर पुलिस के डंडे जरूर मिलते हैं।

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काम के बदले केवल निराशा मिलती है
राजधानी लखनऊ में लगभग 1 दर्जन से अधिक लेबर अड्डे हैं। जहां पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में लेबर आते हैं और जिन लोगों को जरूरत होती है, यहीं से इन मजदूरों को ले जाते हैं। पर प्रदेश में चल रहे आंशिक लॉकडाउन के कारण मजदूर अपने अड्डे पर आते तो जरूर हैं लेकिन यहां काम के बदले केवल निराशा ही मिलती है। पुलिस के डंडे अलग से मिलते हैं।https://gknewslive.com

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