UP: वसंत पंचमी के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमृत स्नान की व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए तड़के सुबह 3:30 बजे अपने सरकारी आवास स्थित वॉर रूम में बैठक की। उन्होंने डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से लगातार अपडेट प्राप्त किए और आवश्यक निर्देश दिए।
वॉर रूम से सीधी निगरानी
मुख्यमंत्री ने अमृत स्नान के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को आदेश दिए कि स्नान स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों और यातायात व्यवस्था सुचारु बनी रहे। उन्होंने अधिकारियों से आस्था के इस पर्व पर प्रशासनिक तत्परता बढ़ाने को कहा।
संगम में श्रद्धालुओं की दिव्य डुबकी
श्रद्धालु, साधु-संत और महामंडलेश्वर संगम में पवित्र स्नान करते नजर आए। अमृत स्नान के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद व्यवस्थाएँ कीं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य में भी लीन दिखे। इस बार महाकुंभ के डिजिटल स्वरूप ने लोगों को खूब आकर्षित किया। संगम तट पर संतों का भव्य स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने इस अनोखे क्षण को कैमरे में कैद किया।
भव्य शोभायात्रा: घोड़े, नगाड़े और उत्साह
अखाड़ों की शोभायात्रा में नागा साधु घोड़ों पर सवार होकर और पैदल चलते हुए नजर आए। जटाओं में फूल, त्रिशूल और मालाओं से सजे नागा साधुओं ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। नगाड़ों की गूंज और उनके जोश ने इस आयोजन को और भव्य बना दिया। श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा के दौरान नागा साधुओं की अद्भुत परंपराओं को कैमरों में कैद किया। कुछ नागा साधु काले चश्मे में नजर आए तो कुछ ढोल-नगाड़ों की धुन पर नृत्य करते दिखे। स्नान के दौरान भी उनका उत्साह चरम पर रहा।
महिला नागा संन्यासिनियों की भागीदारी
इस महाकुंभ में पुरुष नागाओं के साथ महिला नागा संन्यासिनियाँ भी शामिल हुईं। इनका जीवन भी कठोर तपस्या से गुजरता है और उनका ध्येय सनातन धर्म की रक्षा करना होता है। नागा संन्यासियों ने यह संदेश दिया कि महाकुंभ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक और प्राकृतिक मिलन का पर्व है। उनकी उपस्थिति और परंपराएँ इस आयोजन को यादगार बना गईं।