Donald Trump on USAID Funding: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (USAID) से चुनावों के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत को इस फंड की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने भारत में ऊंचे टैरिफ को लेकर अपनी आलोचना दोहराई और कहा कि भारत अमेरिका का पूरा फायदा उठा रहा है।
ट्रंप ने चुनावी सहायता पर जताई नाराजगी:-
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, “भारत को उसके चुनावों में सहायता के रूप में 18 मिलियन डॉलर दिए जा रहे हैं। आखिर क्यों? क्यों न हम पुरानी पेपर बैलेट प्रणाली का उपयोग करें और उन्हें अपने चुनावों का प्रबंधन खुद करने दें? भारत को हमारी सहायता की जरूरत नहीं है।”
भारत के टैरिफ नीति पर सवाल:-
ट्रंप ने भारत में लागू टैरिफ नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा, “भारत हमारे व्यापार का बहुत अधिक लाभ उठा रहा है। हम दुनिया के उन देशों में से एक हैं जहां सबसे ज्यादा टैरिफ लगाए जाते हैं। जब हम भारत में अपने उत्पाद बेचने की कोशिश करते हैं, तो हमें 200% तक टैरिफ चुकाना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद हम उन्हें उनके चुनावों के लिए आर्थिक मदद दे रहे हैं।”
#WATCH | Addressing the Conservative Political Action Conference (CPAC) in Washington, US President Donald Trump says, "$29 million goes to strengthen the political landscape and help them out so that they can vote for a radical left communist in Bangladesh. You got to see who… pic.twitter.com/IzgE6NMDiP
— ANI (@ANI) February 22, 2025
विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रतिक्रिया:-
USAID से भारत को मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर उठे विवाद के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी चिंताजनक है और भारत सरकार इसकी जांच कर रही है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में आयोजित साहित्य महोत्सव के दौरान, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल से बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा, “ट्रंप प्रशासन की ओर से कुछ जानकारी साझा की गई है, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है। यह इंगित करता है कि कुछ ऐसी गतिविधियां चल रही हैं, जिनका एक खास उद्देश्य है – किसी विमर्श या दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना।” उन्होंने आगे कहा, “एक सरकार के रूप में, हम इस मामले की जांच कर रहे हैं, क्योंकि ऐसे संगठनों का दायित्व है कि वे अपनी गतिविधियों की जानकारी दें। हमें भरोसा है कि इस मामले के तथ्य जल्द ही सामने आएंगे।”