Politics: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव कानपुर में एक निजी कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की और योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने अपनी बात कानपुर से शुरू की और महाकुंभ, रोजगार और बजट जैसे मुद्दों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उनके स्नान को लेकर सरकार सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा, “सरकार ने सब कुछ धुलवा दिया, मंदिर धुलवाया, मुख्यमंत्री आवास धुलवाया। अब जब मैंने गंगा में स्नान किया, तो सरकार बताए कि अब गंगा को किससे धुलवाएगी?” उन्होंने यह भी कहा कि जब वे कन्नौज के मंदिर में गए तो वहां मंदिर को भी धो दिया गया था।
कानपुर के औद्योगिक महत्व पर बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह शहर पहले लाखों लोगों को रोजगार देता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने इसे उपेक्षित कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले बजट में और इस बजट में भी कानपुर के विकास के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने कानपुर पावर प्लांट को शुरू करवाया था, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। अखिलेश ने गंगा की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि कानपुर में गंगा का पानी सूख गया है और अगर यही हाल रहा तो मई-जून में स्थिति और खराब हो सकती है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि “आगरा में मुख्यमंत्री हैं, यहां गंगा सूख रही है और वहां यमुना सूख जाएगी।”
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि त्रिवेणी की शुद्धता को लेकर केंद्रीय और राज्य प्रदूषण बोर्ड आपस में लड़ रहे हैं। उन्होंने योगी सरकार को “डबल ब्रेल्डर” सरकार कहा और सदन में उर्दू को लेकर की गई टिप्पणी पर भी आपत्ति जताई। अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री को हिंदी भाषा की पूरी जानकारी नहीं है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री न स्टेशन की हिंदी जानते हैं और न ही क्लच और स्टेयरिंग की हिंदी जानते हैं, इसलिए उनसे बहस करने का कोई फायदा नहीं है।” अंत में, उन्होंने सरकार से महाकुंभ की अवधि बढ़ाने की मांग की और कहा कि जब तक एक करोड़ लोग स्नान न कर लें, तब तक महाकुंभ जारी रहना चाहिए।