लखनऊ: चंद्र-ग्रहण को वैज्ञानिक दृष्टि से जहां एक विशेष खगोलीय घटना माना जाता है, वहीं, धर्म और ज्योतिषीय गणनाओं की दृष्टि में चंद्रग्रहण एक बहुत महत्वपूर्ण घटना होती है, जो पूरी प्रकृति के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी हमें प्रभावित करती है.

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, चंद्रग्रहण हमेशा केवल पूर्णिमा के दिन ही होता है है, चंद्रमा को जगत का मन कहा गया है और ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है, इसलिए चंद्रग्रहण का समय निश्चित रूप से वातावरण में मानसिक उद्वेग का तो होता ही है पर भौगोलिक सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से भी ग्रहण काल को एक संघर्ष उत्पन्न करने वाला समय ही माना गया है.

 

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