Journalist Murder Case: “उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। महोली तहसील के दैनिक जागरण के संवादसूत्र राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या ने पत्रकारिता जगत को हिलाकर रख दिया है। आखिर क्यों हुई उनकी हत्या? कौन हैं इसके पीछे? और क्या मिलेगा उन्हें न्याय? आइए जानते हैं…”
8 मार्च को पूरी घटना को दिया गया अंजाम
8 मार्च 2025 की दोपहर, सीतापुर जिले के महोली क्षेत्र में दैनिक जागरण के संवाददाता राघवेंद्र बाजपेई की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। जब पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी महोली के बाजार से गुजर रहे थे, तभी अज्ञात बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। गोली लगते ही वे सड़क पर गिर पड़े, और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस निर्मम हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।”पुलिस के अनुसार, राघवेंद्र को 315 बोर की चार गोलियां मारी गईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्रा ने बताया कि इस मामले में कई संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और जल्द ही मामले का खुलासा होने की उम्मीद है।
राघवेंद्र वाजपेयी भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाते थे आवाज़
बड़ा सवाल ये है कि, “क्या यह हत्या उनकी पत्रकारिता से जुड़ी हुई थी? एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, राघवेंद्र वाजपेयी लगातार अवैध गतिविधियों और भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों को उजागर कर रहे थे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने एक स्थानीय माफिया और अवैध कब्जे की खबर प्रकाशित की थी। जो शायद उनकी हत्या की वजह बन गई?” हालांकि पुलिस की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दी गया है। लेकिन उनके परिवार की और से लगातार ये कहा जा रहा है की, राघवेंद्र ने पिछले दिनों धान खरीद और जमीन खरीद घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया था, जिसके बाद से उन्हें लगतार किसी का फोन आता रहता था। परिजनों ने यह भी बताया कि, उनकी हत्या वाले दिन भी उन्हें किसी का फोन आया था, जिसके बाद राघवेंद्र जल्दी-जल्दी में घर से कहीं निकल गए।
पत्रकारों में भारी आक्रोश
इस निर्मम हत्या के बाद पत्रकारों में भारी आक्रोश है। पूरे राज्य में पत्रकार संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की। पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।”इस हत्या के विरोध में पत्रकार संगठनों ने प्रदर्शन किया और राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। संसद में भी यह मुद्दा उठा, जहाँ सांसद आनंद भदौरिया ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग की और पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं पत्नी को सरकारी नौकरी देने की बात कही। पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए महोली के एसएचओ विनोद मिश्रा को लाइन हाजिर किया और पदरखा चौकी इंचार्ज सतीश चंद्र समेत दो सिपाहियों को निलंबित किया है। “हत्या के बाद पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। हालांकि, मुख्य आरोपी अब तक फरार है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा।”
“राघवेंद्र वाजपेयी के परिवार पर यह हादसा दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है। उनकी पत्नी और बच्चे न्याय की उम्मीद में सरकार की ओर देख रहे हैं। क्या उन्हें न्याय मिलेगा?” “पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – क्या सच्चाई लिखना अपराध बन गया है? क्या अपराधियों के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत जान देकर चुकानी होगी? यह घटना न केवल पत्रकारिता जगत के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है।