UP: कौशांबी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। चायल क्षेत्र के काजू गांव में सोमवार रात घर में घुसकर एक मां और उसके बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हमलावरों ने कुल्हाड़ी और गड़ासा का इस्तेमाल किया। हत्या के पीछे प्रेम प्रसंग को मुख्य वजह बताया जा रहा है।
घटना का विवरण:
काजू गांव निवासी संगम लाल दिवाकर मुंबई में टैक्सी चालक हैं। उनका बड़ा बेटा सरबजीत उर्फ कल्लू भी उनके साथ रहकर फर्नीचर का काम करता था। करीब एक महीने पहले वह घर लौटा था। पुलिस के मुताबिक, रविवार शाम संगम लाल का छोटा बेटा आशीष उर्फ सत्यजीत गांव के संतोष सरोज के घर गया था, जब वहां कोई मौजूद नहीं था। इस दौरान वह संतोष की बेटी से मिलने गया, लेकिन तभी संतोष की पत्नी शांति आ गई, जिसे देख आशीष वहां से भाग निकला, लेकिन उसकी चप्पल वहीं छूट गई। अगले दिन सुबह आशीष अपने बड़े भाई सरबजीत के साथ चप्पल लेने गया, लेकिन शांति ने चप्पल देने से इनकार कर दिया और उलाहना दी। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी और मारपीट हो गई। शांति देवी ने इस घटना की शिकायत पुलिस से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे शांति और उसके बेटे गुस्से में थे।
हत्या की वारदात:
सोमवार रात करीब 9 बजे संतोष सरोज का बड़ा बेटा शनि कुल्हाड़ी लेकर संगम लाल के घर पहुंचा और दरवाजा पीटने लगा। उसके पीछे शांति देवी और उसका छोटा बेटा भी गड़ासा लेकर पहुंचे। जैसे ही सरबजीत ने दरवाजा खोला, तीनों ने मिलकर उस पर हमला कर दिया। उसकी मां संगीता (45) ने बचाने की कोशिश की, लेकिन हमलावरों ने उस पर भी हमला कर दिया। ग्रामीणों के जागने और शोर मचाने पर आरोपी भाग निकले। खून से लथपथ मां-बेटे को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सरबजीत को मृत घोषित कर दिया। कुछ घंटे बाद संगीता ने भी दम तोड़ दिया।
पुलिस कार्रवाई:
घटना की जानकारी मिलते ही आईजी प्रेम गौतम और सीओ चायल सत्येंद्र तिवारी मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की। मृतक के भाई सत्यजीत की तहरीर पर पुलिस ने शांति देवी, श्रवण और शनि के खिलाफ मामला दर्ज किया। पुलिस ने मुख्य आरोपी श्रवण कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी दो आरोपी फरार हैं। इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण थानाध्यक्ष जगदीश कुमार, हल्का उपनिरीक्षक विजय पाल और बीट आरक्षी राजकुमार को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है।