लखनऊ। कोरोना काल में कारोबार ठप पड़ने से व्यवसायियों और कर्मचारियों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश रोजवेज में अनुबंधित बसों के मालिकों के सामने भी रोजी-रोटी का संकट गहराता जा रहा है। कोरोना लॉकडाउन के चलते करीब एक साल से बसें खड़ी हैं, ऐसे में उप्र अनुबंधित बस ओनर्स एसोसिएशन ने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मिलकर समस्याओं के समाधान की मांग की है। राज्य सड़क परिवहन निगम(upsrtc) के अनुबंधित बस स्वामियों ने गुरुवार को परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक धीरज साहू से मुलाकात की। बस स्वामियों ने उन्हें मांगों से संबंधित छह सूत्री ज्ञापन सौंपा। उप्र अनुबंधित बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह ने समस्याओं का समाधान न होने की भी शिकायत प्रबंध निदेशक से की है।

भुखमरी की कगार पर पहुंचे बस मालिक
एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह ने बताया कि एक साल गुजर गया, लेकिन अभी तक अनुबंधित बस मालिकों की किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। व्यक्तिगत तौर पर एमडी से मिलकर सभी समस्याओं पर वार्ता भी हुई, आश्वासन भी मिला, बावजूद इसके समस्या अभी भी बनी हुई है। उस पर कोरोना कर्फ्यू ने बस स्वामियों की कमर तोड़ दी है। मालिक ही नहीं, ड्राइवर, हेल्पर भी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। अनुबंधित बस स्वामियों ने प्रबंध निदेशक धीरज साहू से जल्द से जल्द समस्याओं के समाधान करने की मांग की, जिससे उनका कारोबार ठप होने से बच जाए।

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अनुबंधित बस स्वामियों की समस्याएं
1-मार्च 2020 से दो माह की कटौती का भुगतान अब तक न हुआ।
2-50 फीसदी यात्री लोड फैक्टर के आधार पर भुगतान किया जाना चाहिए।
3-कोविड के मद्देनजर प्रशासनिक शुल्क माफ किया जाए।
4-परिचालकों के अभाव में निरस्त हुई बसों का प्रशासनिक शुल्क माफ हो।
5-टिकट मशीन के अभाव में रद बसों के बदले पूरा खर्च दिया जाए।
6-वसूल किया गया यात्रीकर परिवहन विभाग में जमा किया जाए।https://gknewslive.com
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