EDRaid: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर सुर्खियों में आ गए, जब वह पैदल चलते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पहुँचे। उनका कहना था कि “जब भी मैं लोगों की आवाज बुलंद करूंगा, ये मुझे दबाने की कोशिश करेंगे।”

क्या है मामला?
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ कई सालों से मनी लॉन्ड्रिंग और प्रॉपर्टी डील से जुड़े मामलों में जांच चल रही है। ED ने वाड्रा को कई बार समन भेजा है। उनके ऊपर विदेशों में अवैध संपत्ति खरीदने और काले धन के लेन-देन के आरोप लगे हैं। हालांकि वाड्रा ने हर बार इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। वाद्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के शिकोहपुर में एक भूमि सौदे से जुड़ी है। जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें वाद्रा से जुड़ी एक कंपनी, ‘स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ‘ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज’ नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी।

पैदल चलने का संदेश
इस बार रॉबर्ट वाड्रा ने ED दफ्तर तक पैदल जाकर एक तरह से विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है, ताकि वो जनता के मुद्दे न उठा सकें। वाड्रा का यह कदम कहीं न कहीं सत्ता और विपक्ष के बीच लगातार बढ़ती खींचतान का प्रतीक भी है। आपको बता दें रॉबर्ट वाड्रा ने साफ कहा कि वो डरने वाले नहीं हैं और आगे भी जनता की आवाज़ उठाते रहेंगे। उनका पैदल मार्च यह दिखाता है कि वो खुद को ‘पीड़ित’ की भूमिका में रखकर सरकार के खिलाफ जनभावनाओं को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

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