Politics News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक लगभग एक घंटे से अधिक चली, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक का मुख्य फोकस साल 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव और संगठन की मजबूती पर रहा।

मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी ने यह तय किया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में किसी गठबंधन के बजाय अकेले चुनाव लड़ेगी। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाने को लेकर कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश भी दिए गए। मायावती ने कहा कि पार्टी को “सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय” के सिद्धांत पर आगे बढ़ना है। हालांकि, इस बैठक में बसपा सुप्रीमो के भतीजे आकाश आनंद की गैरमौजूदगी भी चर्चा का विषय रही।

संगठन की समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट पर जोर

बसपा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों व जिला अध्यक्षों की उपस्थिति में संगठन की समीक्षा की गई। साथ ही, 2 मार्च को दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट लेने और उसमें दिखी कमियों को समयबद्ध तरीके से दूर करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में मायावती ने कहा कि आजकल कुछ राजनीतिक दल डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती आदि अवसरों पर उन्हें याद करने का दिखावा तो करते हैं, लेकिन दलित समाज पर हो रहे अत्याचार, बाबा साहेब की मूर्तियों का अपमान और उनके अनुयायियों पर हमले यह साबित करते हैं कि इन पार्टियों की श्रद्धा सिर्फ दिखावटी और राजनीति से प्रेरित है।

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