UP CRIME: लखनऊ के एसजीपीजीआई में गुरुवार सुबह एक दुर्लभ सिवेट बिल्ली मिली। चौथी मंजिल पर स्थित प्लास्टिक सर्जरी विभाग में करीब 9 बजे इस जानवर की मौजूदगी से हड़कंप मच गया। सूचना पर संस्थान के सुरक्षा अधिकारी डीके पांडे मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेस्क्यू के लिए इरशाद को बुलाया।

इरशाद ने बिना किसी नुकसान के जानवर को सुरक्षित बचा लिया। उसे गौतम खेड़ा जंगल के पास छोड़ दिया गया। रेस्क्यू करने वाले इरशाद ने बताया कि भारतीय सिवेट बिल्ली एक रात्रिचर स्तनधारी है। यह विवेरिडी परिवार से संबंधित है।

दो प्रजातियां होती हैं

इसकी दो प्रमुख प्रजातियां हैं बड़ी भारतीय सिवेट और छोटी भारतीय सिवेट। इनकी पहचान धारियों और विशेष गंध ग्रंथियों से होती है। ये जानवर पर्यावरण में चूहों की संख्या नियंत्रित करने और बीजों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में इस जानवर को लेकर कई भ्रांतियां हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह कब्रें खोदकर शवों को खाती हैं। यह धारणा पूरी तरह गलत है। इस मिथक के कारण कई बार लोग इन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। भारतीय सिवेट बिल्ली वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-II के तहत संरक्षित है। इन्हें नुकसान पहुंचाना या पकड़ना कानूनी अपराध है।

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