लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अप्रैल के शुरुआती में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तेज हुई। जिसके बाद ओपीडी के साथ सामान्य बीमारियों के टीकाकरण भी बंद हो गया। राजधानी के अस्पतालों में बच्चों के सभी प्रकार के टीकाकरण वर्तमान समय में बंद है। बहुत सारे टीकाकरण होते हैं जो बच्चे के पैदा होने के बाद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लगाया जाता है। जिसमें बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी और ओरल पोलियो ड्रॉप शामिल है। आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर ने 2 प्रतिशत बच्चों पर असर डाला। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर जो कि अगस्त से अक्टूबर के बीच में आने की आशंका है। उसमें बच्चों के ऊपर अधिक प्रभाव पड़ेगा।
ऐसी स्थिति में अगर बच्चों को सामान्य टीकाकरण नहीं लगेगा तो बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कमजोर रहेगी। लोहिया अस्पताल के पीडियाट्रिक डॉ. श्रीकेश सिंह बताते हैं कि जनपद में सिर्फ एक महीने में तकरीबन 8,000 बच्चों को सामान्य बीमारियों की वैक्सीन लगती हैं। हालांकि साल 2020 से अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण बंद रहे हैं।
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साल में सिर्फ तीन महीने हुए टीकाकरण
कोरोनावायरस को आए हुए डेढ़ साल हो गए हैं। जिसमें से सिर्फ 4 महीने अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण हुए हैं. इनमें दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च शामिल है। जबकि अप्रैल के शुरुआती में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तेज हुई। जिसके बाद ओपीडी के साथ सामान्य बीमारियों के टीकाकरण भी बंद हो गया। नवजात शिशुओं के लिए 1 साल तक जो टीकाकरण होते हैं वह बहुत महत्वपूर्ण है फिर चाहे वह बीसीजी का हो या फिर पोलियो ड्रॉप। रोजाना सामान्य दिनों में लगभग 40 से 50 बच्चों का टीकाकरण होता हैं।
नवजात को टीकाकरण जरूरी
केजीएमयू पीडियाट्रिक जेडी रावत के अनुसार, नवजात शिशु के लिए शुरुआती टीकाकरण बहुत ज्यादा जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि बच्चों को लगने वाले टीके को समय से ही लगवाना चाहिए. 10 से 14 दिन की देरी चल सकती है। लेकिन 15 महीने के बाद ज्यादातर टीके बूस्टर्स होते हैं। इसका मतलब वे पहले से मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता को और बढ़ाते हैं। इनमें एक से दो महीने की देरी भी हो तो परेशानी नहीं होती है। जिले में पिछले साल मई से लेकर अक्टूबर तक टीकाकरण नहीं हुआ। सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में सामान्य टीकाकरण बंद करवा दिया गया था। लेकिन स्थिति सामान्य होते ही टीकाकरण पहले की तरह सुचारू रूप से अस्पतालों में होगा।https://gknewslive.com