लखनऊ। प्रयागराज हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार, चुनाव आयोग सहित विपक्षी देव शरण से जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने जिला पंचायत गोरखपुर के चुनाव का परिणाम घोषित होने और प्रमाणपत्र जारी होने के बाद परिणाम निरस्त कर विपक्षी को विजयी घोषित कर दिया था। जिसपर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। ये आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने रामअचल की याचिका पर दिया है।

ये है पूरा मामला
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह, सौरभ सिंह और आयोग के अधिवक्ता तेन सिंह ने बहस की। याची के वरिष्ठ अधिवक्ता का तर्क था कि उत्तर प्रदेश क्षेत्र एवं जिला पंचायत (सदस्य चुनाव) नियमावली 1994 के नियम 54 के तहत एक बार चुनाव परिणाम घोषित कर प्रमाणपत्र देने के बाद चुनाव अधिकारी को पुनर्मतगणना कराने और घोषित परिणाम निरस्त कर विपक्षी को विजयी घोषित करने का अधिकार नही रह जाता है। इसे केवल चुनाव याचिका में चुनौती दी जा सकती है। चुनाव अधिकारी ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दुर्भावनापूर्ण और विधि के खिलाफ आदेश दिया है। ये कानून की नजर में अवैध है।

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आपको बता दें कि 4 मई 2021 को पंचायत सदस्य का चुनाव परिणाम घोषित हुआ था। बसपा प्रत्याशी याची को विजयी घोषित कर प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया गया था। विपक्षी सपा प्रत्याशी देव शरण की आपत्ति पर पुनर्मतगणना करायी गयी। जिसमें वो विजयी घोषित हुआ और इसके बाद पूर्व घोषित परिणाम निरस्त कर देव शरण को विजयी घोषित कर दिया गया। जिसकी वैधता को चुनौती दी गयी है।https://gknewslive.com

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