लखनऊ। दाऊदनगर में अवैध डेयर‍ियों के खिलाफ कार्रवाई करने गई नगर निगम की टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। डेयरी संचालकों ने नगर निगम की टीम हमला बोल दिया और पथराव कर वापस जाने को कहा। पथराव में नगर निगम कैटल कैचिंग विभाग के निरीक्षक धर्मदेव के सिर पर चोट आ गई। पथराव इस कदर था कि पीएसी को भी पीछे हटना पड़ा। मडिय़ाव पुलिस ने एक डेयरी संचालक को गिरफ्तार किया है।फैजुल्लागंज इलाके में सफाई अभियान चल रहा है और कई दिनों से डेयरी हटाई जा रही है। नगर निगम की टीम गुरुवार सुबह दाऊदनगर पहुंची और यहां डेरियों से पशुओं को पकडऩे लगी। इसी दौरान डेयरी संचालक एक जुट हो गए और कार्रवाई का विरोध करने लगे। उनका आरोप था कि नगर निगम वाले हर माह पैसे की वसूली करते हैं और अब उनकी भैंसों को पकड़ा जा रहा है। अभी बहस चल ही रही थी कि अचानक एक जुट हुए और पथराव करने लगे।

डेयरी हटाने के लिए कोर्ट के कुछ आदेश
वर्ष 1995 में हाईकोर्ट ने शहर से डेरियां हटाने को कहा था लेकिन आदेश को अफसर दबा गए थे। 27 मई वर्ष 1999 को हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर निगम व पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाते हुए करीब 3500 डेरियों को शहरी सीमा से बाहर किया था। तब राजधानी के सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों व थानाध्यक्षों ने अदालत में यह शपथ पत्र दिया था कि अब शहरी सीमा में डेयरी नहीं चलने दी जाएगी। शहरी सीमा में दोबारा डेयरी न लगे, यह जिम्मा पुलिस का था।

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बता दें हाईकोर्ट के आदेश पर शहर में कैटल कॉलोनियां तो बालागंज में जलनिगम रोड पर राधाग्राम नाम से,पारा के मुन्नू खेड़ा में अैर इंदिरानगर तकरोही में यह कॉलोनी बनाई गई थी लेकिन कुछ दिन बाद भी डेरियां शहर में आ गई थीं। 15 मई 2019 को भी कोर्ट ने डेयरियों को शहरी सीमा से हटाने को कहा था। 27 जनवरी 2020 को को हाईकोर्ट ने फिर से आदेश दिया कि शहर से अवैध डेरियों को हटाया जाए। नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि चिंहित 1038 में से 990 डेरियों को हटाया गया है।https://gknewslive.com

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