लखनऊ। मायावती ने पार्टी नेताओं को सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले पर आगे बढ़ते हुए पार्टी संगठन को मजबूत करने और समाज के सभी वर्गों को पार्टी से जोड़ने को लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रही हैं। इसके साथ ही पार्टी संगठन को बूथ स्तर तक इसी फार्मूले के आधार पर मजबूत करने की बात कह रही हैं। जिससे यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में जीत कर सत्ता की कुर्सी पर काबिज सकें।

बसपा प्रमुख मायावती सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करने को लेकर इस समय लगातार पार्टी संगठन के प्रमुख लोगों के साथ संवाद कर रही हैं। जहां जो संगठन में फेरबदल करने हैं, उसके अनुसार वह फेरबदल भी कर रही हैं। मायावती का मुख्य फोकस दलित, ब्राह्मण और मुस्लिम समीकरण साधने को लेकर है। विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी ने आजमगढ़ से पार्टी विधायक गुड्डू जमाली को नेता प्रतिपक्ष भी बनाया है। ऐसे में बहुजन समाज पार्टी दलित, ब्राह्मण के साथ-साथ मुस्लिम समीकरण पर भी पूरा ध्यान दे रही हैं।

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बहुजन समाज पार्टी सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को आगे बढ़ाते हुए जब 2007 के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी तो बहुजन समाज पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला। मायावती 2007 के चुनाव में दलित, मुस्लिम, ब्राह्मण समीकरण के सहारे चुनाव मैदान में उतरी थी और बसपा को 206 सीटें मिली थी। इसके बाद जब 2012 के विधानसभा चुनाव हुए तो मायावती सत्ता से दूर हो गईं और समाजवादी पार्टी की सरकार बनी। तब से बहुजन समाज पार्टी सत्ता की कुर्सी से दूर हैं।

2012 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा थी, उनकी हार का जिम्मेदार कांग्रेस और भाजपा पार्टी है। क्योंकि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद ही अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुस्लिमों को ओबीसी कोटे में से आरक्षण देने की बात कही थी। जिसका भाजपा ने विरोध तो किया, लेकिन उसने इस मुद्दे की आड़ में उच्च वर्गों के साथ-साथ ओबीसी को अपनी ओर खींचने की कोशिश की थी। इससे मुस्लिम वोट बैंक सशंकित हो गया हो गया था, इसलिए मुस्लिम वोट न कांग्रेस को मिले न ही बसपा को मिलने। लगभग 70 प्रतिशत मुस्लिम समाज ने अपना एकतरफा वोट सपा उम्मीदवारों को दे दिया था। 2017 में मोदी लहर और राम मंदिर को मुद्दा बनाकर भाजपा सत्ता में आई अब उत्तर प्रदेश में पिछले महीने पंचायत चुनाव के परिणाम आए तो बहुजन समाज पार्टी को अपेक्षा के अनुरूप काफी सफलता मिलती हुई नजर आई। मायावती की कोशिश है कि 2007 की सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला दोहराया जाए और फिर सत्ता की कुर्सी पर काबिज हुआ जा सके।https://gknewslive.com

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