लखनऊ। लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में जूनियर रेजिडेंट पद पर तैनात डॉ. शारदा सुमन कोरोना संक्रमित हो गई थी। साथ ही उनके फेफड़े भी खराब हो गए जिसके चलते लंग्स ट्रांसप्लान की नौबत आ गई थी ऐसे में सरकार ने डॉक्टर का लंग ट्रांसप्लांट कराने की जिम्मेदारी लेते हुए कमेटी का गठन किया है। कोरोनाकाल में सैकड़ों लोगों की जिंदगियां बचाने वाली एक डॉक्टर की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए हैं। उन्होंने डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की सरकारी मदद देने का ऐलान किया है। डॉक्टर का पूरा इलाज चेन्नई में होगा।

वेंटिलेटर पर कराया गया था प्रसव
लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद के मुताबिक, हाल में ही उनकी शादी हुई थी। पति भी बतौर रेजिडेंट कार्यरत हैं। डॉ. शरादा गर्भवती थीं। बावजूद उन्होंने मेडिकल लीव नहीं ली। कोरोना की लहर के बीच महिला इमरजेंसी में ड्यूटी करती रहीं। कई गर्भवती महिलाओं का इलाज कराया। उनका प्रसव कराया। इसी बीच वो कोरोना की चपेट में आ गई और उन्हें लोहिया के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालात बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर भर्ती किया गया। एक मई को डॉक्टरों ने शिशु की जान बचाने का फैसला किया। ऐसे में वेंटिलेटर पर भर्ती गर्भवती रेजिडेंट डॉक्टर का वेंटिलेटर पर प्रसव कराया गया। वहीं डॉक्टर की हालत गंभीर बनी हुई है।

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दरअसल, पिछले एक साल से लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की रेजिडेंट डॉक्टर शारदा सुमन कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं थीं। गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने ड्यूटी की। 14 अप्रैल को वह खुद संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। तब वो आठ माह की गर्भवती थीं। 19 अप्रैल को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक मई को उन्होंने हेल्दी बेबी को जन्म दिया। हालांकि, इस बीच, संक्रमण के चलते उनका फेफड़ा पूरी तरह से खराब हो गया। डॉक्टर्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन इसमें खर्चा काफी ज्यादा होने वाला था।http://GKNEWSLIVE.COM

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