लखनऊ। आरटीआई से प्राप्त सूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न अधिवक्ताओं पर मात्र यह निर्णय करवाने में 29.93 लाख रुपये खर्च कर दिए हैं कि किस-किस पत्रावली पर मुख्यमंत्री स्वयं हस्ताक्षर करेंगे। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दायर जनहित याचिका में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पर हस्ताक्षर करने को अवैध तथा व्यापक दुरुपयोग वाला बताते हुए इसे निषिद्ध करने की प्रार्थना की थी।

हाई कोर्ट ने मामले को सुनवाई हेतु वृहत बेंच को संदर्भित किया था पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दिया। न्याय विभाग के जन सूचना अधिकारी राजेश सिंह द्वारा नूतन को दी गयी सूचना के अनुसार प्रदेश सरकार ने इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन को 3.5 लाख रुपये प्रति सुनवाई पर नियुक्त किया जिन्हें अब तक 28 लाख दिया जा चुका है जबकि 08 अन्य अधिवक्ता को 1.93 लाख रुपये दिए गए हैं। नूतन के अनुसार यह सरकारी धन का खुला दुरुपयोग है जहाँ मात्र मुख्यमंत्री की व्यक्तिगत सहूलियत के लिए इतने पैसे खर्च किये गए हैं।

 

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *