लखनऊ। राजधानी लखनऊ पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दो साल से फरार चल रहे अरबों रुपये की ठगी का मास्टरमाइंड राजेश पांडेय को एसटीएफ व विभूतिखंड थाने की पुलिस ने शनिवार को इंदिरानगर से गिरफ्तार किया है। बता दें हैलो राइड लिमिटेड, इनफिनिटी वर्ल्ड इंफ्रा वेंचर व ओजोन इनफिनिटी वर्ड प्रोड्यूसर लिमिटेड द्वारा की गई अरबों की धोखाधड़ी में राजेश पांडेय का भी अहम भूमिका रही है। विभूतिखंड थाने में दर्ज 24 मुकदमों में राजेश पांडेय को दो साल से पुलिस तलाश रही थी। एसटीएफ के एएसपी अनिल सिंह सिसौदिया ने बताया कि पूछताछ में राजेश ने बताया कि अभय कुशवाहा ने वर्ष 2013 में इनफिनिटी वर्ड इंफ्रा वेंचर कंपनी बनाई थी। रीयल एस्टेट का काम करने वाली इस कंपनी ने किस्त पर सस्ते प्लॉट देने का झांसा देकर हजारों लोगों की रकम हड़पी थी। अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद इसमें डायरेक्टर व राजेश पांडेय सेल्स मैनेजर था। एसटीएफ के मुताबिक, हैलो राइड के डायरेक्टरों ने ठगी का रैकेट देश के कई राज्यों तक फैला लिया था। फतेहपुर, नोएडा, बिहार के मुजफ्फरपुर, पंजाब के मोहाली, पठानकोट, जीरक आदि शहराें में इनका ऑफिस था। जहां के लोगों से कंपनी ने लगभग सौ करोड़ रुपये की ठगी की है।
इसके बाद इन्हीं लोगों ने ओजोन इनफिनिटी वर्ड प्रोड्यूसर लिमिटेड बनाकर कम समय में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की। फिर 2018 हैलो राइड कंपनी बनाई, जिसमें निखिल कुशवाहा, अभय कुशवाहा, नीलम वर्मा व आजम सिद्दीकी डायरेक्टर थे। इसका ऑफिस विभूतिखंड स्थित साइबर हाइट्स के आठवें तल पर था। इस कंपनी ने बाइक टैक्सी संचालित कराने के नाम पर लोगों से 61 हजार रुपये जमाकर कराकर एक साल तक प्रतिमाह 9,582 रुपये देने की स्कीम शुरू की थी। लोगों से निवेश कराने के लिए कंपनी ने सात टीमें बनाई थीं, जिसमें करीब 150 लोग थे। इन सभी को निवेश का 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था। राजेश पांडेय ने पूछताछ में बताया कि वह ग्राहकों से एग्रीमेंट का काम करता था। इसके लिए कंपनी ने उसे मर्सडीज कार दी थी। करीब सौ करोड़ रुपये जमा होने के बाद कंपनी ने निवेशकों को भुगतान करना बंद कर दिया। इस पर एक निवेशक ने 2019 में विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया था। हैलो राइड के डायरेक्टरों पर देशभर में सैकड़ों मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, मगर सभी फरार हैं। जिनकी तलाश की जा रही है।https://gknewslive.com