लखनऊ: सूबे में विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनज़र बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है। किसानों के आंदोलन पर राजनीति भी जमकर हो रही है। विपक्षी दल भी किसानों का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए निशाना साध रहे हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग की है।
1. भारत में आक्सीजन की कमी से कोरोना की दूसरी लहर में खासकर जो अफरातफरी व मौतें आदि हुई। तो उससे निपटने के लिए केन्द्र सरकार को विदेशी सहायता तक भी लेनी पड़ी, यह किसी से भी छिपा नहीं है, फिर भी आक्सीजन की कमी से मौतें नहीं होने का दावा करना अति दुर्भाग्यपूर्ण व अति-दुःखद।
— Mayawati (@Mayawati) July 22, 2021
मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी ना होकर, बल्कि संवेदनशील और हमदर्द होना चाहिए। किन्तु दुख यह है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से किसान यहां आंदोलित हैं, अब ये जंतर मंतर पर किसान संसद लगाए हैं। केंद्र चालू सत्र में ही इनको रद्द करें। बीएसपी की यह मांग है।’