लखनऊ। सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का कितना भी दावा कर ले, लेकिन हकीकत ये है कि सरकार के महत्वाकांक्षी योजनाओं को ही भ्रष्टाचार का दीमक चाट रहा है। जिले में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि जिंदा लोगों की तो बात छोड़िए, यहां मुर्दे भी पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं। जिंदा और पात्र लोग जहां इस योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग का चक्कर काट रहे हैं, वहीं विभाग मुर्दों और अपात्रों पर मेहरबान है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसके तहत किसानों को हर चार माह में 2 हजार रुपये मिलते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले किसानों को अपने आधार कार्ड, बैंक पासबुक और खतौनी के साथ ऑनलाइन करना पड़ता है फिर उसका सत्यापन होता है। इसके बाद किसानों के खातों में पैसा भेजा जाता है, लेकिन जिले में इस योजना का लाभ मृतकों और अपात्रों को खूब मिल रहा है। किसानों के सत्यापन में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिले में 12 सौ से अधिक अपात्र लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है। पात्र किसान कार्यलयों का चक्कर लगा रहे हैं। कभी आधार कार्ड फीड नहीं है तो कभी बैंक अकाउंट मिसमैच कर रहा है, कह कर लौटाए जा रहे हैं।

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जिले में किसान सम्मान निधि के लिए 48 हजार 8 सौ से अधिक किसान पंजीकृत हैं। शासन के निर्देश पर कृषि विभाग ने पंजीकृत किसानों का सत्यापन कराना शुरू किया, जिसमें अब तक विभाग ने 10 प्रतिशत किसानों का सत्यापन किया है। इस सत्यापन में 1232 किसान अपात्र पाए गए हैं, जिनमें 1 हजार किसान ऐसे हैं, जिनकी मौत हो चुकी है। इस सत्यापन में 132 भूमिहीन, 50 पेंशन धारक और 50 नौकरी वाले किसान योजना का लाभ लेते पाए गए हैं। साथ दो साल से किसान सम्मान निधि के पैसे का लाभ ले रहे थे। विभाग अब इन किसानों से रिकवरी की बात कर रहा है, लेकिन अपात्र लोगों के खाते में धनराशि भेजने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को ले कर चुप है। मुर्दों और अपात्र लोगों के खाते में किसान सम्मान निधि भेजे जाने को लेकर प्रभारी उप कृषि निदेशक धर्मराज सिंह का कहना है कि किसानों का सत्यापन कराया जा रहा है। अब तक 1232 किसान अपात्र पाए गए हैं। इस किसानों से रिकवरी की जाएगी, सत्यापन कार्य अभी जारी है।http://GKNEWSLIVE.COM

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