लखनऊ: एटीएम से छेड़छाड़ कर बैंकों को चूना लगाने वाले गिरोह के 6 जालसाजों को बुधवार को एसटीएफ नोएडा और थाना सेक्टर-20 पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले शहर के एक बैंक की लीगल टीम ने इस मामले की शिकायत दी थी। जालसाजों के कब्जे से 18,675 रुपये नकद, 54 डेबिट कार्ड, 3 मोबाइल फोन और घटना में इस्तेमाल होने वाली स्विफ्ट डिजायर कार बरामद हुई है। गिरोह में शामिल अन्य ठगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपियों ने दिल्ली एनसीआर सहित दर्जनों शहरों के एटीएम से फ्रॉड किया है। एटीएम में छेड़छाड़ करके करते थे फ्रॉड पुलिस ने बताया कि आरोपी एटीएम से छेड़छाड़ कर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। मशीन से छेड़छाड़ की वजह से पैसा निकलने के बाद ट्रांजैक्शन डिक्लाइन का मेसेज आ जाता था। इस मेसेज को आधार बनाकर संबंधित बैंक में क्लेम करते थे और बैंक उन्हें पैसा वापस कर देता था।
रिश्तेदारों से लेते थे एटीएम एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से एटीएम ले लेते थे और बदले में उन्हें चार से पांच हजार रुपये एक बार में दे देते थे। एक ही एटीएम का इस्तेमाल आरोपी कई बार करते थे। एक दिन में आधा दर्जन से अधिक एटीएम को निशाना बना लेते थे। कानपुर देहात के रहने वाले हैं आरोपी आरोपियों की पहचान कानपुर देहात निवासी कृष्ण कांत, अनूप कुमार, आशीष और रिंकू यादव, सीतापुर निवासी अमित और फतेहपुर निवासी प्रत्यूष के रूप में हुई है। इनकी गिरफ्तारी सेक्टर 20 थाना क्षेत्र में मल्टीलेवल पार्किंग के पास से हुई है। आरबीएल बैंक को करते थे टारगेट एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि ठगों ने जितने एटीएम को टारगेट किया था, उसमें से करीब 75 प्रतिशत आरबीएल बैंक के हैं। अन्य बैंकों से अलग इस बैंक में पैसे की वापसी के लिए आवेदन नहीं देना होता है। बैंक ट्रांजेक्शन कैंसल के मेसेज के आधार पर खुद ही पैसा खाते में वापस कर देता था। आरोपियों ने आरबीएल बैंक से 22 लाख से अधिक की ठगी की है। अन्य बैंकों से भी डिटेल जुटाई जा रही है। सेक्टर-20 थाना क्षेत्र के सेक्टर-18 स्थित एक निजी बैंक के प्रबंधक निखिल छेत्तरवाल ने कुछ दिन पहले थाने में अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। आरोप लगाया था कि अज्ञात ठगों ने बैंक के विभिन्न एटीएम से धोखाधड़ी करते हुए लगभग 237 ट्रांजैक्शन कर 22,34,200 रुपये निकाल लिए थे। कार से जाते थे फ्रॉड करने पुलिस ने बताया कि सभी आरोपित कानपुर में रहकर विभिन्न जिलों में ठगी करते थे। अन्य जिलों में स्विफ्ट कार से जाते थे और ठगी कर लौट आते थे।