लखनऊ। महिलाओं के उत्थान के लिए काम करने वाली जानी मानी सामाजिक कार्यकर्ता और कवियत्री कमला भसीन का आज सुबह निधन हो गया। वे कुछ महीने पहले कैंसर की शुकार हुयी थीं। उनके निधन की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने दी। उनके निधन से महिलावादी लेखक, संगठन और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। सामाजिक सगंठनों का कहना है कि कमला भसीन के जाने से महिलावादी आंदोलन सहित सभी जन आंदोलनों की अपूरणीय क्षति हुई है।

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कौन थीं कमला भसीन?
भसीन 1970 के दशक से भारत के साथ-साथ अन्य दक्षिण एशियाई देशों में महिला आंदोलन की एक एक प्रमुख आवाज रही हैं। 2002 में, उन्होंने नारीवादी नेटवर्क ‘संगत’ की स्थापना की, जो ग्रामीण और आदिवासी समुदायों की वंचित महिलाओं के साथ काम करती है। वे अक्सर नाटकों, गीतों और कला जैसे गैर-साहित्यिक साधनों का उपयोग करके समाज में महिला उत्थान के लिए काम करतीं थीं। भसीन ने नारीवाद और पितृसत्ता को समझने पर कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कई का 30 से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया।https://gknewslive.com

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