लखनऊ। आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से चाणक्य सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है। यह सम्मेलन आगामी तीन अक्तूबर को होगा। पार्टी का कहना है कि इस सम्मेलन के माध्यम से सिर्फ सरकार की गलत नीतियों को उजागर किया जाएगा, लेकिन राजनीतिक पंडित इसके कई मायने निकाल रहे हैं। वह इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रबद्धजन सम्मेलन का दूसरा रूप मान रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ ही महीने बचे हैं। प्रदेश के प्रबुद्ध वर्ग को अपनी ओर खींचने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री से लेकर छुटभैया नेता तक इनमें शिरकत कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रबुद्धजन सम्मेलन का जवाब अब आम आदमी पार्टी चाणक्य सम्मेलन के रूप में देने जा रही है। पार्टी के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। आगामी तीन अक्टूबर को यह सम्मेलन लखनऊ के कैसरबाग स्थित गांधी भवन ऑडीटोरियम में आयोजित किया जाएगा।

आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर पांडेय का कहना है कि इतिहास में चाणक्य से बेहतर कूटनीति, अर्थनीति, राजनीति का महाविद्वान कोई नहीं है। उन्हें कभी सत्ता का लालच नहीं रहा. नंद वंश की गौर लोकतांत्रिक सत्ता को उखाड़ाकर एक नए राजवंश की नींव रखी। यह सब उन्होंने अपमान का बदला लेने के लिए किया। उनका कहना है कि चाणक्य को आदर्श मानने में हम लोगों ने काफी मंथन किया। अंत में पाया कि चाणक्य जैसे व्यक्तित्व की आज जरूरत है, जो सत्ता की भूखा नहीं है। वह मात्र निरंकुश और गैर लोकतांत्रिक ढंग से चल रही सत्ता का उखाड़ फेंकना चाहता हो। चाणक्य जैसा आदर्श राज्य स्थापित करने वाला कभी नहीं हुआ, जिन्होंने अपने अपमान का बदला लिया।

क्या पार्टी इस सम्मेलन के माध्यम बाह्मण वोट बैंक को साधना चाहती है? इस सवाल के जवाब में प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर पांडेय का कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य सरकार की गलत नीतियों को प्रबुद्ध वर्ग के सामने रखना है सिर्फ एक सम्मेलन के माध्यम से वोट नहीं मिलते। उनका कहना है कि प्रदेश में जनता के साथ गलत हो रहा है। बाह्मण वर्ग के लोगों को प्रताड़ित किया गया है। बावजूद इसके किसी की आवाज उठाने की हिम्मत नहीं हो रही है। आवाज उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही हैं।

विशेषज्ञ यह निकाल रहे मायने
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. कमल कुमार का कहना है कि चाणक्य सम्मेलन के कई मायने हो सकते हैं। चूंकि चाणक्य खुद भी ब्राह्मण थे। इसमें कोई दो मत नहीं की पार्टी ब्राह्मणों को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रही है। विशेषज्ञ इस कार्यक्रम को भाजपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन से भी जोड़कर देख रहे हैं। यहां ब्राह्मण के सहारे आगे बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।

टिकट वितरण में यह रहा है जातीय समीकरण
आम आदमी पार्टी की ओर से उत्तर प्रदेश की करीब 170 विधानसभा सीट पर प्रभारियों की घोषणा की गई है। पार्टी साफ कह चुकी है कि यह उनके संभावित प्रत्याशी भी हैं। इसके नाम चुनने में पार्टी ने जातीय समीकरणों का भी पूरा ध्यान रखा है। अब तक पिछड़ा वर्ग को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई है। 170 में करीब 64 प्रभारी / प्रत्याशी पिछड़ा वर्ग से हैं. इसके बाद ब्राह्मण हैं। करीब 39 ब्राह्मण, करीब 29 दलित और 10 मुस्लिम नेताओं को शामिल किया गया है। बाकी पर अन्य हैं।https://gknewslive.com

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *