लखनऊ: एक बार फिर यूपी पुलिस का कलंकित चेहरा हुआ उजागर। एटीएम चोरी के आरोपी को गिरफ्तार करने गई थी एसओजी की स्वाट टीम व लालगंज कोतवाली की संयुक्त पुलिस टीम। आरोपी युवक ने भागने की कोशिश किया तो पुलिस ने पीछे से एक गोली पीठ पर मार दिया जो पीठ को पार करते हुए पेट से निकल गई।पुलिस खुद को शिकंजे में फंसती देख रच दिया फायरिंग करने की झूंठी पटकथा।

मिली जानकारी के अनुसार बीती रात लालगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत बाबूतारा गांव निवासी मो तौफीक उर्फ बब्बू (30) पुत्र स्व०मुस्तकीम जिनके ऊपर एटीएम चोरी व धोखाधड़ी के आरोपी थे। बीती रात आरोपी घर दविश देने गई एसओजी की स्वाट टीम व कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्यवाही के दौरान आरोपी युवक ने पुलिस को देखते ही भागने की कोशिश किया तो पुलिस द्वारा पीछे से पीठपर गोली मार दी गई। जिससे आरोपी युवक घर से कुछ दूर खेत के कुएं गिर गया।

आरोपी युवक को गोली लगने के बाद कुंए में गिर जाने के बाद पुलिस टीम के होश उड़ हो गए पुलिस वह से बैरंग वापस चली गई। परिजनों ने गांववालों की मदद से युवक को निकालकर गम्भीर हालत में आनन फानन में अस्पताल लेकर चले गए। दोबारा तीन घण्टे बाद लगभग साढ़े तीन बजे दोबारा पुलिस फायर ब्रिगेड व अन्य कई थानों की फोर्स के साथ आरोपी को कुंए से निकालने गई और उसे ना पाने पर कई राउंड फायरिंग किया परिजनों को धमकाते हुए वापस चली गई।

फिर शुरू हुआ पुलिस खेल और रची गई मुठभेड़ की पटकथा। एक घंटे बाद पुलिसकर्मी फिर लौटे। उनके साथ खुर्शीद उर्फ वकील भी था। पुलिसकर्मी कुएं में बांस डालकर तौफीक की खोजबीन करते रहे। इस दौरान पुलिसकर्मी फिर से फायरिंग करने लगे। बाद में किसी सिपाही को गोली लगने की चर्चा करते हुए लौट गए। कुछ देर बाद फिर फोर्स पहुंची और कुंए के इर्द-गिर्द खोजबीन करते हुए फोटो खींचती रही। इसके पूर्व 20 सितंबर 2020 को भी दबिश के दौरान सांगीपुर पुलिस की पिटाई से बुजुर्ग मकबूल की मौत हो गई थी। कोर्ट से पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे का आदेश भी हो चुका है, मगर पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही है।

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