लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से जहां उज्जैन के त्रिकालदर्शी संत, इस समय मनुष्य शरीर में मौजूद बाबा उमाकांत जी महाराज ने जीवात्माओं के असली पिता सतपुरुष के पास जाने का रास्ता नामदान की बरसात करते हुए बताया कि –
1.अगर शाकाहारी नशा मुक्त लोग हो जाएंगे तो आने वाले खराब समय से बच जाएंगे।
2.अभी खराब समय देखा कहां है लोगों ने। बहुत खराब समय आएगा, बड़ी परेशानियां आएंगी। आप यह समझो एक मिनट में नास्तिक को भी भगवान याद आ जाएगा, वह समय आ रहा है। जो जिसका नाम लेता है भगवान मान करके वही रटता रह जाएगा कि अब मदद करो, मदद करो अचानक मुंह से निकलेगा, वह समय आ रहा है।
3. हमको तो आबादी ही बहुत कम दिखाई पड़ रही है। अगर लोग मान जाएंगे, शाकाहारी नशा मुक्त हो जाएंगे, भजनानंदी हो जाएंगे तो बचत होगी अगर नहीं मानेंगे तो बहुत ज्यादा नुकसान जनधन का होगा।
4.प्रेमियों आप जातिवाद, भाई भतीजावाद, एरियावाद, कौमवाद इनमें मत फंसो। किसी की निंदा मत करो। उसके पाप कर्मों को मत लो, कर्मों का बोझा लद जाता है निंदा करने से। किसी जाति, धर्म, धार्मिक किताब, किसी की निंदा नहीं। अपने काम से काम रखना, अपना एक आध्यात्मिक प्लेटफार्म बनाओ। अब वह समय है। महाराज जी ने नाम दान देने के बाद ध्यान भजन का प्रैक्टिकल भी करवाया।