लखनऊ: हर व्यक्ति के सोने का तरीका अलग अलग होता है. कुछ लोग करवट लेकर सोते हैं, कुछ पीठ के बल, कुछ पेट के बल सोने में राहत महसूस करते हैं. लेकिन ये कैसे समझा जाए कि सोने का कौन सा तरीका सही है. विशेषज्ञों की मानें तो आपके सोने का तरीका भी आपकी सेहत को प्रभावित करता है.

आजकल तमाम लोगों को जो समय से पहले कमरदर्द, सर्वाइकल, पीठ दर्द, स्लिप डिस्क जैसी समस्याएं होने लगी हैं, इसका एक कारण उनका गलत पो​जीशन में सोना भी है. अगर आपको ऐसी समस्या पहले से है और आपके सोने का तरीका भी गलत है, तो आपकी परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है. अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो सोने का सही तरीका सीख लें और अपनी गलत पोजीशन को आज से ही सुधारें.

बाईं तरफ करवट लेकर सोएं
सामान्य लोगों को हमेशा बाईं तरफ करवट लेकर सोना चाहिए. बाईं करवट सोने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है और गैस, एसिडिटी, स्लिप डिस्क, कमर दर्द, सर्वाइकल, गर्दन में दर्द, हाई बीपी, हृदय रोग जैसी तमाम परेशानियों से राहत मिलती है. हालांकि पूरी रात एक करवट में नहीं सोया जा सकता. ऐसे में पोजिशन बदलने के लिए आप कुछ देर के लिए पीठ के बल लेट सकते हैं. पोजिशन बदलते रहने से स्पाइनल, बैक, कंधे और गर्दन से जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है. लेकिन पेट के बल सोना पूरी तरह से अवॉयड करें. इससे कमर के दर्द, नर्व रिलिटेड और स्पाइन रिले​टेड प्रॉब्लम्स होने का रिस्क रहता है.

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए अच्छा है पीठ के बल सोना
कई बार समस्याओं को देखते हुए स्लीपिंग पोजीशन में बदलाव किया जा सकता है. प्रेगनेंट महिलाओं के लिए करवट लेकर सोना कंफर्टेबल नहीं होता. उनके लिए पीठ के बल सोना अच्छा माना जाता है. इससे प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली एसिड रिफलक्स की समस्या कम होती है. इसके अलावा कमर दर्द और कंधे के दर्द में भी आराम मिलता है. पोजीशन बदलने के लिए वे बाईं करवट लेकर लेट सकती हैं.

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